पाप-पुण्य[ द्वितीय संस्करण ] | Paap-Punya [ 2nd Ed. ]

पाप-पुण्य[ द्वितीय संस्करण ] - Paap-Punya [ 2nd Ed. ]

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दादा भगवान फाउन्डेशन - Dada Bhagwan Foundation

Dada Bhagwan Foundation is a spiritual non-profit organization whose goal it is to spread peace, harmony and everlasting bliss to the whole world through the spiritual science of Akram Vignan - the science of Self Realization as expounded by the Gnani Purush Shree Ambalal Muljibhai Patel, fondly known as Param Pujya Dadashri or Dada Bhagwan.
DBF organizes Satsangs / Gnan Vidhi (a two hour scientific process of Self Realization) by Pujya Deepakbhai all across the country and throughout the world. The satsangs are in a question-answer format and comprises of a wide variety of questions rang

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About Book

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पाप या पुण्य, जीवन में किये गए किसी भी कार्य का फल माना जाता है|

इस पुस्तक में दादाश्री हमें बहुत ही गहराई से इन दोनों का मतलब समझाते हुए यह बताते है कि, कोई भी काम जिससे दूसरों को आनंद मिले और उनका भला हो, उससे पुण्य बंधता है और जिससे किसीको तकलीफ हो उससे पाप बंधता है| हमारे देश में बच्चा छोटा होता है तभीसे माता-पिता उसे पाप और पुण्य का भेद समझाने में जुट जाते है पर क्या वह खुद पाप-पुण्य से संबंधित सवालों के जवाब जानते है?

आमतौर पर खड़े होने वाले प्रश्न जैसे- पाप और पुण्य का बंधन कैसे होता है? इसका फल क्या होता है?क्या इसमें से कभी भी मुक्ति मिल सकती है?यह मोक्ष के लिए हमें किस प्रकार बाधारूप हो सकता है? पाप बांधने से कैसे बचे और पुण्य किस तरह से बांधे?|इत्यादि सवालों के जवाब हमें इस पुस्तक में मिलते है|

इसके अलावा, दादाजी हमें प्रतिक्रमण द्वारा पाप बंधनों में से मुक्त होने का रास्ता भी बताते है| अगर हम अपनी भूलो का प्रतिक्रमण या पश्चाताप करते है, तो हम इससे छूट सकते है|

अपनी पाप –पुण्य से संबंधित गलत मान्यताओं को दूर करने और आध्यात्मिक मार्ग में प्रगति करने हेतु, इस किताब को ज़रूर पढ़े और मोक्ष मार्ग में आगे बढ़े|





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