सत्य-असत्य के रहस्य[ द्वितीय संस्करण ] | Satya Asatya Ke Rahasya [ 2nd Ed. ]
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
Dada Bhagwan Foundation is a spiritual non-profit organization whose goal it is to spread peace, harmony and everlasting bliss to the whole world through the spiritual science of Akram Vignan - the science of Self Realization as expounded by the Gnani Purush Shree Ambalal Muljibhai Patel, fondly known as Param Pujya Dadashri or Dada Bhagwan.
DBF organizes Satsangs / Gnan Vidhi (a two hour scientific process of Self Realization) by Pujya Deepakbhai all across the country and throughout the world. The satsangs are in a question-answer format and comprises of a wide variety of questions rang
About Book
(Click to expand)बहुत सारे लोग, सत्य क्या है और असत्य क्या है, यह जानने के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहते है| कुछ बाते, किसी के लिए सत्य मानी जाती है तो कुछ लोग उसे असत्य मानकर उसका तिरस्कार करते है| ऐसी दुविधाओं के बीच, लोग यह सोच में पड़ जाते है कि, आखिर सत्य किसे कहे और असत्य किसे माने|
आत्मज्ञानी परम पूज्य दादा भगवान हमें, सत्, सत्य और असत्य, इन तीन शब्दों का भेद समझाते है| वह कहते है कि, सत् मतलब शास्वत तत्व, जैसे की हमारा आत्मा, जो एक परम सत्य है और जिसे बदलना संभव नहीं है| हम साक्षात् आत्मस्वरूप है और यही हमारी सही पहचान है, इसे दादाजी ने सत् कहा है|
व्यवहार सत्य, मतलब, रिलेटिव में दिखने वाला सत्य लोगो की अपनी मान्याताओं के आधार पर खड़ा होता है| इसलिए यह लोगो के अपने दृष्टिकोण के आधार पर अलग-अलग होता है|
सत्य और असत्य तो हमारी माया और मान्यता से ही खड़ा होता है, और वह एक सापेक्ष संकल्पना ही है, जिसका कोई आधार नहीं होता| सत्,सत्य और असत्य के गुढ़ रहस्यों को जानने, यह किताब ज़रूर पढ़े और अपनी भ्रामक मान्याताओं से छुटकारा पाइए|
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