भजन संग्रह | Bhajan Sangarah Ac.1510
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.49 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भजन पृष्ठ संख्या
बिनु गुपाल बेरिन भई ढुंजें (लीला) १६७
भगति बिनु बैल बिराने हेहो... (चेतावनी) ? २०
भजन बिनु कूकर सूकर जैसो.. (. है ३०
भजु मन चरन संकटहरन (विनय) २१४
मधुकर ! इतनी कहियहु जाइ (लीला) १५१,
सघुकर स्याम हमारे चोर (५५ ये रेप
मनों हों ऐसे ही मरि जेहों (, ) १६२
माधव ! मोहि काहेकी लाज !?... (विनय) ११%
मेरो माई ऐसो हठी बालगोबिंदा (लीला) १५२
मैया मोरी; मैं नहिं माखन खायों. ( ) ६
मैया कबहिं बढ़ेगी चोटी ५९
मैया मोहिं दाऊ बहुत खिज्ायों ( ) 7
मैया री मोहिं माखन भावे (, . १५४
मो देखत जसुमति तेरे ढोटा (, )
मोसम कौन कुटिल खल कामी .. (देन्य) १२९
मोसम पतित न और गुसाई ! (चेतावनी) १४०
मोहन इतनी मोहिं चित घरिते (प्रेम) १७५
मोहि प्रमु तमसों होड़ परी (2) १७९
रुक्मिनि मोहिं ्रज बिसरत नाहीं .. (लीला) १७०
रे मन; कृष्णनाम कहि छीजे (नाम) ९२
रे मन जनम पदारथ जात (चेतावनी) १२१
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