सूर्य चिकित्सा विज्ञानं | Surya Chikitsa Vigyan

Book Image : सूर्य चिकित्सा विज्ञानं  - Surya Chikitsa Vigyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ० ) को मन्द करता है । समस्त शरीर में या. उसके किसी भाग _ मेँ गर्मी बढ़ गई दो ठो उसे शान्त करने के लिंये नीला रंग अपनां झसर रखता है | व्वर की गर्मी से लो जला जारददा हो बार २ पानी मांगता दो, प्यास न॑ बुकती दो उसके लिये नीला रंग बड़ा उपकारी हैं, सिर में चक्कर था रदे दों दरदे होरददा छो माया भन्नादा दो; श्रम या मूछों के लक्षण प्रतीत दो तय नीलें रंगे का प्रयोग बढ़ा लाभप्रंद सिद्ध होगा । गर्मी के दिनों मे नोले रंग से प्रभावित किया हु पानी चड़ी शीतलता प्रदान करता हे । जिन सनुष्यों को गर्मी बहुत सठाती हे दन्दें नीले रंग कां पानी बहुत फ्रायदा पहुंचावेगा । ऊु्चों को पिलाने से उनके पागल होने का भय नहीं रदता । भाग से जले इए या पागल छाथवा स्थार के काटे हुए स्थान पर छासमानी पानी का भीगा हुआ कपड़ा रखना चादिये और उस स्थान को उसी पानी में बराचर मिगोग्रे रहना चाहिये । ऐसे रोगियों को नीला लल दो-दो घंण्टे वाद झाधी-झाधघी छुटांक की मात्रा में औपधि की तरह पिलाया भी जा सकता है 1 * की; दस्त की चीमारी ( हेजा » में नीला रंग बहुत है । बीमारी फेल रदी दो तो स्वस्थ मनुष्यों को इसका उपयोग करना चाहिये | दैज्ञा लव बहुत उप झवस्था में पहुंच लाता है तब रोगी के शरीर में लाल रंग की भी कभी हो लाती है और शरीर ठेडा पढ़ने लगता है तब नीले रंग के साथ लक रंग भी देना दिवकर होता है। पेट पर इसी नल के भीगे हुए कपड़े की गद्दी रखने से दस्तों में रुकावट दोती हैं छीर के होना रुक ल्ञाता है । आयः सात आठ घण्टे में रोगी को खतरे से थादर किया ज्ञां सकता है। » लत +...पेचिश; ऐठों के साथ दस्त होना, झाँव या लटू थाना; नीले रंग के पाती की श-६ खुराकों में ही रुक लाता है। तीन चार




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