पन्त की काव्य कला और जीवन दर्शन | Pant Ki Kaviya Kala Aur Jeevan Darshan
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24.73 MB
कुल पष्ठ :
257
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१ स्तर को उठाना चाहते हैं । किशोरावस्था से ही व्यक्तगत जीवन के सुख- दुःख के रंगीन श्र कोमल स्वप्नों से झ्भ्यस्त ्राँखें श्राज एक विश्व व्यापी सुख श्र शांति के विराट स्वप्न कोर सैँजो रही हैं अपने ही जीवन के सौरभ में डबे हुए और परिमल में भीगे हुए पंख जो केवल तितलियों और फूलों के सौन्दर्य को ही शझपनी दष्टि में भर पाते श्र झाज एक विराट सौन्दर्याकाशं का श्रवगाहन करने लगे हैं । कवि के हिमालय की छाया में पले स्वप्न श्राज गगन-चुम्बी शिखर पाना चाहते हैं । व यद्यपि इनकी सरल स्निग्ध जीवन ज्योति को झ्रनेकों बार भंगकाओं से जूभना पड़ा है पर ये सदेव उनसे बचकर निकल गये हैं आर शझ्राज युग-पथ पर अपनी श्रालोक रश्मियाँ बिखेर रहे हैं । इनकी अमर चेतना का प्रदीप युंग-युग तक निरंतर जलता रहे श्रौर दम सदेव उसके प्रकाश का आभास पाते रहें यद्दी कामना है ।
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