इब्ने खल्दुन का मुकदमा | Ibn Khaldun Ka Muqaddimah in Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.33 MB
कुल पष्ठ :
648
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १५ )
५०-सल्तनत के अन्तिम काल में देश की जनसंख्या बहुत बढ़ जाती है,
संक्रामक रोग फँैलते हैं और अकाल पड़ते हैं म
५१-मानव सभ्यता के लिए राजनीतिक नेतृत्व का होना परमा-
व्यक है, ताकि उसके अधीन उसके कार्य सुव्यवस्थित हो सकें...
५२-इमाम महदी, उनके विषय में लोगों के विचार एवं महदवियत
की वास्तविकता क
५ ३--सल्तनत एवं कौमों का अभ्युदय तथा भविष्य वाणियाँ एवं जफर ...
अध्याय ४
देश एवं नगर, नगर-सम्बन्धी सम्यता की व्रिभिन्न
१-सल्तनत का अभ्युदय नगर एवं आबादियों के पूर्व होता है
२-सल्तनत की स्थापना के पइचात् सल्तनतें नगरों में पाँव
जमाना चाहती हैं थक
३-बड़े-बड़े नगरों एवं भव्य भवनों का निर्माण दक्तिशाली सल्तनतें
ही करती हैं
४-बड़े-बड़े भवन एक ही सल्तनत नहीं बना सकती
प५्--नगर बसाने में किन बातों पर ध्यान देना परमावद्यक है तथा
उनकी उपेक्षा के दुष्परिणाम
६-संसार के सर्वोत्कृष्ट पुजा-गृह एवं मस्जिदें
७-इफरीकिया एवं मग़रिब में नगरों की संख्या कम है
८-प्राचीन सल्तनतों की अपेक्षा, इस्लामी ऐश्वर्य एवं गौरव की तुलना
में इस्लामी सल्तनत के भव्य भवनों की संख्या कम ह
९-एक आध को छोड़कर, अरबों के बनवाये हुए भवन, शीघ्र नष्ट हो
जाते हैं
०-नगरों के विनाश का प्रारभ
२ १-नगरों में खाद्य सामग्री की बहुतायत और बाजारों की चहल-पहल
तथा रौनक नगर की सांस्कृतिक अवस्था पर निभंर है
१२--दाहरों में चीजों के भाव
१३-बदवी लोग अधिक आबाद सम्य नगरों में नहीं बस सकते
२५.
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