हमारे शरीर की रचना | Hamare Sharir Ki Rachna

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hamare Sharir Ki Rachna by त्रिलोकीनाथ वर्मा - Trilokinath Verma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about त्रिलोकीनाथ वर्मा - Trilokinath Verma

Add Infomation AboutTrilokinath Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अध्याय र९ ( पृष्ठ द ४३--७०७ ) पॉच ज्ञानेन्द्ियाँ--त्वचा--ख्रानजजल का ताप--कैसे जल से नहाना चाहिये--स्रान का समय--कमज़ोर आदमी केसे पानी से नहांवे--देशो और विलायती विधियों--त्वचा और रगड़ सालिदा-- साबुन--बाल--बालों का काम--त्वचा और तेल--बालों का काटना--क्या खियाँ भी बाल कटावें--कंघा ब्रुश--डाढ़ी--बऱाल-- विटप देवा और कासाद़ि के बाल--दिर वख--पोशाक--कपड़े क्यों पहने जाते हैँ--कपड़े किन चीज़ों के बनते हैं--ऊनी और सूती कपड़े--हलके ओर भारी कपड़े--ओढ़ने बिछाने वाले कपड़े--कपड़े ओर धोबी--वस््--कोट चपकन अचकन अंगरखा--धोती पाजासा पतलून निकर--मसोज़े--गंढीलो दिराए--वस्त्र सम्बन्धी स्वच्छता बरतने वालों- की. पहचान--पेर--जूते--अमेरिकन टो ऑक्सफोड टो डर्वी टो--खियों का जूता--बच्चों का जूता--ख्ियों की पोशाक--वच्चों की पोशाक---नाखून । आँख--आँख में धूल सिट्टी भुनगा कोयला--पढ़ना लिखना--आँख आर अ्रकाद-- पढते लिखने के ससय भप्रकादा किंस भोर से आना चाहिए--पढ़ना आरंभ करने की आयु--अक्षर छापा--पाठशालाओं की मेज़ कुरसियाँ--पढदने लिखने के समय शरीर की ठीक स्थिति--तस्वाकू और इुष्टि--आँख उठना आँख आना--रोहों से बचने के उपाय--दष्टि बिगादइने वाले मुख्य कारण । कान--कान में अनाज सोती इत्यादि डालना--कान विंधवाना । नाक--नाक. ख़ुजाना--नकसीर । हृल्क--जिह्ा-- मुँह--दाँत--दाँतों की सफाई--दाँतों पर गर्मी और सर्दी का प्रभाव--दॉतों का संजन दतौन ब्रुददा--दॉतों में -कीडा लगना-- दंतोलूखल एूयाह--दॉत और पान | अध्याय रे ( पृष्ठ ७०८--9९२१ ) भोजन के बार खाना चाहिये--क्या भोजन नियत समय पर १९ |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now