नए भारत के नए नेता | Naye Bharat Ke Naye Neta

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Naye Bharat Ke Naye Neta by राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है जावरर अशरफ श्र तरह पाला था । शंकरलाएं एक राजयीतिक हृत्यामें लेट सिंये गये । इसमें बालक अशरफकी मावनाका उधर प्रेरित होना भी स्वासारधिक था | लबेकपन मुखदाधादम रदते हुए चींगढ़ा अर सूफी अग्याप्रशादक सापर कौगए कितनी ही क्बिताशओं शोर कंथाछोंकों श्रशरफ बड़ी सचिसे याद करते थे । लड़ाईके समय स्कूलोमि किसी खास दिन सलाम करमेका हुक्म हथ्ा था । सशारफने उससे साफ़ इन्कार कर दिया श्र संडरकॉका श्रसम्तीप देखकर मुस्लिम हा्स्कूलफें देशमास्टरण उसपर जोर नहीं डाला एसी वेसिस्टकी . नजरबन्दीवी सपगयसे थी शशरफकफे गाजमीलिक | ददी।| हे ६ १८मं जन ठोशरप शालीगंदुफ एम शरीर कासेंजर्म दाखिल हुए तो शमी चह सुर्ख्लिम सूनियर्सिटीका रूप नहीं घारणकर सकी थी | सभी परोद्ाएँ इल्ताइामादन्यू सिवर्षिटोफी दी जाती थीं । एफ ए०में भशरपते श्ररधी तक श्र इाधशास लिया था । शरण एक बुत ही सुर्दर घा हैं हसका परिलेष सुरादाधाद हमें मिल होगा था श्रौर अलीगसूर्ण थ्रानिपर तो उनका घहस सर व्याख्यायका शौक श्र बढ़ गया हों पहुगेकों तरफ न बह पणिसे जंसी बेपरमोही नहीं थीं | नित्दाधिलीकी करी तो बे भी नहीं थी सरोर छाप उरी प्राहुपका बरेका लग मंया 1 पर्िदास और दर्शन उनके प्रिय विषय थे | श२०मं णरफं थे एन पते पास पिया शरीर सौर एस्‍्में दाल दी गये । एसी घचा खसदुभाग खिंलाऊत श्र मंहारमं साँगी .. की शायाजा पेश मुजने लगी । मौलाना मुदम्मेददालीग अलीगढुम - तिसकनलशण्य-फगड़क




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