कुण्डली - कल्पतरू | Kundali - Kalpataru

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Kundali - Kalpataru by रमेश चन्द्र जी. पण्ड्या - Ramesh Chandra G. Pandya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शास्त्र जो वेदचक्षु की महिमा से मंडित है की क्हुसेवा होगी अपितु जिन लोगों की इस शास्त्र और शास्त्रज्ञों के प्रति चिरकाल से जो आस्था और विश्वास है उसे खंडित करने के लिए थी हम उक्तारदायी होंगे अस्तु। यदि ज्योतिष के व्यवसाय से जुड़े ज्योतिषी बंधुओं ने इस नवीन पद्धति को अपनाया तो ज्योतिष शास्त्र की तो बहुत बडी सेवा होगी ही साथ ही उनकी प्रत्तिष्ठा में भी वृद्धि होगी और मुझे अपने परिश्रम की सार्थकता पर आत्मसंतोष एवं प्रसन्नता होगी। अब मैं इस पुस्तक की विषय वस्तु के सम्बन्ध में यहां कुछ प्रकाश डालना उपयुक्त समझता हूँ- 1. जैसा कि कुण्डली कल्पतरू नाम से स्पष्ट है इस पुस्तक की रचना का मूल उद्देश्य सूक्ष्म और सही लग्न राशि के साधन द्वारा जन्मकुंडली का निर्माण करना है। अतः तत्संबंधी सभी सामग्री को विशद रूप से सोदाहरण प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा न्य आवश्यक सामग्री का. परिचयात्मक विवरण इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि पुस्तक का कलेवर भी न बढ़े और कुंडली निर्माण में असुविधा का सामना भी न करना पढड़े। यद्यपि भूत भविष्य और वर्तमान के सम्पूर्ण घटनाचक्रे और उसके काल का ज्ञान हमें जन्मकूंडली और जन्मकालीन स्पष्ट ग्रहों की स्थिति मात्र से हो जाता है। लेकिन प्रचलित परम्परा को ध्यान में रखते हुए षडवर्ग विंशोक्तारी अष्टिोक्तारी महादशा आदि का भी समावेश इस पुस्तक में किया गया है। 2 अक्षांश रेखांश और रेखांतर - भारत के सभी प्रान्तों के शहरों जिला मुख्यालयों कस्बों एवं कतिपय गांवों के अक्षांश रेखांश अंग्रेजी एटलस गुजराती एवं अंग्रेजी की तत्सम्बन्धी पुस्तकों व आवश्यकतानुसार मानचित्रों से प्राप्त कर हिन्दी वर्णानुक्रम से प्रस्तुत किये हैं ताकि कुंडली निर्माण के समय स्थल के प्रान्त को ही देखना पड़े पूरे भारत के शहरों कस्बों या गाँवों के नामों की खान न छाननी पड़े। भारतीय सटे. टा. से उनके स्थानीय समय का जो अन्तर है उसे + या - मिनिट सेकण्ड में दर्शाया है। राजस्थान के जिलों में से- ड्गरपुर बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों के कुछ मुख्य कस्बों एवं गाँवों के अक्षांश रेखांश और रेखांतर उन जिलों के ज्योतिषी-बन्धुओं की सुविधा हेतु विशेष रूप से दिये है जो आधिकारिक रूप से प्रमाणित तो नहीं है लेकिन करीब करीब सत्य के निकटतम है। इसी प्रकार भारत के पडौसी देशों के मुख्य नगरों और कस्बों के अक्षांश रेखांश एवं रेखान्तर को भी वर्णनुक्रम से सम्बन्धित देश में बताया (प)




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