एक रात | Ek Raat
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.42 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एक रात ११ देखिए नेतृखके मामलेमें गाँवॉको आत्म-निभर बनना होगा । नेताओंका भरोसा आप क्यों रक्खें ? इस तरह सरकार हमें हरा सकती है । चुन-चुनकर कुछ आदमियों- को जेलमें डाल दिया और राष्ट्की रीढ़ टूट गई । नहीं नहीं प्रत्येक व्यक्ति नेता दो प्रत्येक व्यक्ति कृत-निश्चय हो । तब तो स्वराज्य मिठेगा । नहीं तो अगर स्वराज्य मिला भी तो जनताका स्वराज्य वह कब हुआ १ हम लोगोंका आसरा अब छोड़ दीजिए । में आप-सा दी आदमी हूँ दो टाँगें दो हाथ । आप दिलमें इरादा पेदा कीजिए और मुल्कके लिए रहिए तो आपमें मुकमें क्या फक रद्द जाता है १ तो यह ठीक है न १? आप मुझे छोड़ें । सब बाहरी लौडरोंकी आस छोड़ो । खुद लीडर बनो । आपकी तहसीलका आपकी तरह में प्रतिनिधि हो सकता हूँ १... देखिए में जरूर चलता छेकिन मजबूरी आ गई है । श्रतिनिधि लोगोंको बहुत दुःख हुआ । जयराजकी वहाँ बहुत ही माँग थी और उन्हें भरोसा था कि जयराज उनके हृदयकों तोड़ नहीं सकेगा । उन्होंने कहा--तो हम लोग जाये १ जयराजने टहलते-टहलते कहा - हाँ आप मुझे माफ कर दें ।---आपने कहा तोन स्टेशन हैं पौने सात बजे गाड़ी वापिस आती है । देखिए में कोशिश करूँगा । मोटरका रास्ता तो नहीं है ?--+नहीं १ अच्छा आपको तकलीफ करनेकी जरूरत नहीं है । आ सकूँगा तो में अकेला हो आ जाऊंगा । स्टेशन बस्तीसे कितनी दूर है १---तीन मील है ? तो अच्छी बात है। आप विश्वास रक्खें में भरसक प्रयल्ल करूं गा । प्रतिनिधियोंने कहा --गाड़ीपर सवारी तेयार मिलेगी । अच्छा अच्छा । . आप लोगोंको कष्ट हुआ । देखिए में आऊँगा । लेकिन वादा नहीं कर सकता । यहाँ दो बजे गाड़ी जाती है न १ नहीं नहीं आदमी भेजनेकी कोई जरूरत नहीं है । और फिर कहीं आदमी भेजना बेकार न हो ।- जी हाँ जी हाँ । लेकिन गाँवॉको स्वावलम्बी होना होगा । अच्छी बात है ।- - -वन्दे । डेपुटेशनके लोग चले गये और वह लम्बे डगोंसे टहलता ही रहा। आरुभ किया हुआ भाषण पुरा करने मेज़पर जल्दी नहीं आ गया । अन्तमें टहलते-टहलते बह मेज़पर आ बेठा और दोत्डरसे ब्लाटिंग-पेडपर लिखा लिखा. कहें कि खींचा--
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