प्राकृति भूगोल की पृष्ठभूमि | Praakritika Bhuugola Ki Prastbhomi

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Praakritika Bhuugola Ki Prastbhomi by जनार्दन प्रसाद श्रीवास्तव - Janardan Prasad Srivastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नि. ज्वालामुखी की क्रिया ३६-५२ १. रे विषय प्रवेश बह्वर्ती बुत्त (१) ज्वालामुखी (२) विदर-प्रवाह ं दे) गरम सोता ४) गेसर (५) वातिमुख (६) पक के अन्तर्वर्ती वुत्त (१) अष दौल (05100) (२) रालोत्य एव वर्तुलोत्य (86008 &110. 05865) (३) मसूर दल (?190011068) (४) कुकुच्छेल (1.800011068) (५) रालमभित्ति (1068) (६) रालपढ्ट (31118) ४ ज्वालामुखी की क्रिया के कारण प्‌ ज्वालामुखी का मानवीय महत्त्व नदी काकाय प्‌ - न न ७. ( दी ० या न्छं 2 हक न पि हक की नि छा रा 45 भूमिका अपक्षरण नदी के अपक्षरण का मूल सिद्धात नदी-पथ का अनुक्रमण . जल के अपक्षरण का वक्त जल-विभाजक की आकृति नदियों के उद्गम का पीछे की_ओर कटना ८. नदी अपहरण (न ८ नदी की घाटी का विकास . नदी का कायाकल्प नदी के उत्तल प्रबंधित प्रवाह-मोड परिवाहन निक्षेपण तदी-पथ की विभिन्न अवस्थाये




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