गाँधी का मौनी राज्य | The Silent Rule Of Gandhi

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
The Silent Rule Of Gandhi by बद्री प्रसाद सिनहा - Badri prasad Sinaha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बद्री प्रसाद सिनहा - Badri prasad Sinaha

Add Infomation AboutBadri prasad Sinaha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
5. को यह मालूम हो कि गाँधीजी के पहिले कितने ही बड़े २ मुखियों ने हिन्दुस्तान को जगाने की कोशिशें कीं लेकिन वह गाँधी जी के ही जगाने पर क्यों जागा । क्योंकि हमारी अब तक की दासता का कारण केवल आर्सम अज्ञान था । व स्तन लानााना शाप दासता का कारण च्ञात्म ज्ञान आज से नहीं दस बीस दिन से नहीं दस बोस साल से नहीं सो दो सी साल से नहीं बल्कि लगभग ५००० वरसों से हिन्दू राषट्र उत्तरोत्तर उघःपतन के खड में लुढ़कता जा रहा है। मय्यादा पुरुषोत्तम राम द्वारा स्थापित किया हुआ षोडष कला के अवतार भगवान्‌ कृष्ण द्वारा सुचारु रूप से संचालित तथा धनुघर अजेय अजुन द्वारा रक्त से रंजित किया हुआ हिन्दू राष्ट्र याज तक विधर्सियों की गुलामो का शिकार बना हुआ है । ग्रीक सिधियन हुण ग्रज़नो गोर तातार मुगल पठान अफगान आदि जिसने चाहा जिस स्थान पर चाहा जिस प्रकार चाहा राम राज्य भोगी प्रजा का रक्तपान किया। इन विदेशियों ने किस स्वतंत्रता से हिन्दू राष्ट्र पर अनाचार किए यह एक ग़ाजनी के ही आक्रमणों से पता लगता है। यह तीस बरस तक लगातार भारत को अकेला दही मनमानी रॉदता रहा । केवल राजनी हो नहीं बल्कि तैमुरलंग औरंगजेब और नादिर शाह आदि कवतिपय विदेशियों ने किस आज़ादी से भारतीय




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now