ब्राह्मणोत्पत्ति मार्तण्ड | Brahmanotpattimartand
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
186.22 MB
कुल पष्ठ :
626
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(ुद). . जह्मणोत्पार्तमातंण्ड । विप्राख्यालयाश्वेव गोमिजियास्तथापरे ॥ दायमात्राह्मणा- अब विप्राः सारस्वताभिधाः ॥ ४३ ॥ तेषां च सेवकाः प्रोक्ता लववेशसमुद्भवाः ॥ मित्रमोडाश्र कपिलास्तलाजता- मवासिनः ॥ ४४ ॥ खेदुवा नारदीयाश्व तथा चंद्रसरा द्विजाः ॥ बलादराः गयाश्षत्रवासिनश्वोत्कला दिजाः ॥ ४५ ॥ आभी- राः पछ़िवासाश्व लेटवासाः सनोडियाः ॥ पाराशराः कान्य- कुब्जास्तथा सोमपुरोद्धवाः ॥ ४६॥ कांबोदसिद्धा नादोर्या भारतीयाश्व पुष्कराः ॥गरुडीया भार्गवाश्च नामंदीकाद्रिजो- त्माः ॥ ४७ ॥ नंदवाणासिधा विप्रास्तथान्यान्प्रवदाम्य- हम ॥ मेथिला ब्राह्मणाश्वेव तथा मेत्रायणीयकाः ॥ ४८ ॥। . अभिछ्ठा ब्राह्मणाश्वेव तथा माध्यंडदिनाह्टकाः ॥ गाटाश्वैव शर्ते प्रचविविधा घमचारिणः ॥ ४९ ॥ प्रभासा भाछवा वल्का अन्योन्य॑ं ते विभागिन ॥ शौंटका शेव्या बादराश्व तथा वे मॉडका द्विजाः ॥ ५० ॥ क्रमुका देवलाश्रेव काँबोजा कोश- लास्तथा ॥ शुद्ाशुद्ास्तथा सिद्दाः .कार्पोडाभीतचारिणः ॥ ॥%१॥श्रणयः कौशिकानर्वावाडिका ललका आपे ॥ नेगमाः खरपरश्याश्रतथाप्रेतविलासिनः ॥५२॥ आवेत्याः कांचिका- थैव गोमांततीखासिनः ॥ एवं भरूम्यामनेके च ब्राह्मणाः संति रायकवाल जा० ७७ गोमिति जा ०.७८ दायमा बा० ७९ सारस्वत जा ० ८ ०॥४९॥ उनके सेवक लोवाणे क्षत्रिय हैं मित्रगौड बा० ८१ कपिल जा० ८२ तलाजिय जरा ० ८रे॥ २४ सेट बा०८४नारदी बा० ८५ चद्रसर ब्रा ०८९ बलादरे जा ०८७गयावाछ जा ८८ ओडिये बा०८९॥४५॥ आभीर बा ०९० पीवासबा ०९१ छेटवास बा ०९१२ सनाडिया जा० ३ पाराशर बा० ९४ कान्पकुब्ज जा० ९५ सोमपुरा जा ०९६॥ ४ रं कानादासिद्र बा ९७ नादोयां जा ९८ भारती जा ९९ पुष्कर जा० १०० गरु उगडिया जान १०१ भागव बा १०२ नार्मदीय जा० १०३॥ ४७ ॥ नंद्वाण जला १०४ मेथिर जा० १०५मेत्रायणी जा० १०६४८) आंभिछठ बजा १०७मध्यदिनिया ० १०८ यह आदिलेके दूसरे अनेक हैं ॥४९॥९० ॥ ५१॥ ५२ ॥ ऐसे पृथ्वी
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