खम्ब - थोइबी | Khamba Thoibi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.32 MB
कुल पष्ठ :
215
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६ खम्ब-थो इबी यदि सुन्दर मकान बड़ा फाटक गाय और भेंस आदिसे युक्त स्थान दो तो बह धनी लोगोंका भवन होगा।. ऐसे भवनकों देखते दो में नौकरीके लिए प्राथना करूँगा । यह सोचकर खम्ब जा रहा था। सौभाग्यसे एक बड़ासा मकान मिला जिसमें गाय बज़ कुटिर आदि सब कुछ थे। उसको देखकर खम्ब शीघ्र दी घुस गया । इस वक्त बड़े मवनके प्रांगणमें खिखुब युवराज आसनपर बेठकर हुका पी रहे थे. दूसरी ओर इसकी सर्वाँग सुन्दरी राजकुमारी थोइत्री सामने शामुकऋे ऊपर तकिया और तकिये पर मेखला रखकर अपने कोमल दाथस कसीदाका काम कर रद्दी थी। उसके निकट दासी सनु काब्र ( रेशम ) ठोक कर रद्दो थी। इस समय खम्ब उसो घरके समोप आ पहुँचा . राजकमारी थोइबीका रूप इतना सुन्दर था मानो पुनमका चाँद | उसको सुन्दरनाके आग अप्साराए नद्दीं ठदर सकतो। सुन्दर चेहेरेके आस पास फनी हुई केश राशि मानों नागिन है। इख रूपवती कुमारीकों देखकर खम्ब चकित रद्द गया । चिखुब युवराजकी दृष्टि उसपर पड़ी एक अपुर्व सुन्दर युवकको सामने देखकर वे दंग रद्द गए। बेशमूषासे तो माठम होता कि यह युवक गरीब है । यह भावना मनमें आने लगी । उन्होंने पूछा वत्स तुम कहाँसे आए हो क्या काम है? बताओ तुम क्या चाहते दो ?
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