नागरी प्रचारिणी पत्रिका | Nagaripracharini Patrika
लेखक :
करुणापति त्रिपाठी - Karunapati Tripathi,
जगन्नाथ प्रसाद शर्मा - Jagannath Prasad Sharma,
बलदेव उपाध्याय - Baldev upadhayay,
श्री सम्पूर्णानन्द - Shree Sampurnanada
जगन्नाथ प्रसाद शर्मा - Jagannath Prasad Sharma,
बलदेव उपाध्याय - Baldev upadhayay,
श्री सम्पूर्णानन्द - Shree Sampurnanada
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.14 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
करुणापति त्रिपाठी - Karunapati Tripathi
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जगन्नाथ प्रसाद शर्मा - Jagannath Prasad Sharma
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बलदेव उपाध्याय - Baldev upadhayay
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श्री सम्पूर्णानन्द - Shree Sampurnanada
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शिवपुराण तथा वायुपुराण का स्वरूपनिणुंय श्१७ बायवीय. साब्विशत धर्म रपिसइसकम_। तदेव. लकघ्चसख्याक... शैवसख्याविमेदत ॥ १४९४ ॥ --विद्येश्वर सहिता श्रध्याय २ । श्रच्रस्था 55त्मनश्रापि .. स्वात्मरूपतयास्थितम् । परमानन्दसन्दोदरूपमानन्द्विय्य हम ॥ लीलाविलासरसिक बललुरीयूथमध्यगम । शिसिपिच्छुकिरीटेन .... भास्वद्रलचितेन च ॥। उल्लुरदियुदाटोप्एंडसाम्या ... विराजितम्। कर्णॉपान्तचरन्नेनस ज्रीटमनों दरम ॥ कुझदुझप्रियाइन्द्पिलासरतिलम्पटमू | पीताम्बरघर दिव्य चन्दनालेपमशणिडतम् ॥ श्रघरासतससिक्तवेशुनादेन बल्लयी 1 मोददयन्त चिंदानन्द्मनज्ञमदभज्ञनम । फोटिकामकला पूर्ण... फोटिचन्द्राशुनिर्मलम । निरेकहुएडविलस द्रत्ुज्ञा यूगा कुल मू ॥ यमुनापुलिने तुज्ें तमालचनफानने फदम्बचम्पफाशोक्पारिजातमनो हरे | शिग्पिपरावतशुक्रपिककोलाइलाकु ले । निरोधार्य.. गवामेव. धघावमाएमितस्तत | राघाबिलासरमिफ उंप्शाख्य पुरुप परमू | शुतवानस्मि. वेदेम्यो यतस्तद्वोचरोधमयत् ॥ पर्व. ब्रह्मणिचिन्मात्रे पिगुंणे मेदय्जिते । गोलोफ्स न्शफेदप्णोदीव्यतीतिंश्रुत मया ॥ नात परतर . फिश्िनिगमागमयोरपि | तथापि. निगमो. वक्ति हचरात्परत पर ॥ गोलोफयासी. भगवानच्रात्पर.. उच्यने । तस्मादपि पर फोड्ठी भीयते श्रुतिमि सदा ॥| उद्दिशे. चेदबचनेविंशेपों शायते क्यम् । शुतेबार्डर्यो बन्ययायोध्य ... परतस्वपद्रादिति | धुत्यर्थे सशयापनों ब्यास.. सत्पय्रतीसुत । बिचारयामास चिर ने. ग्रपदे ययातयम् ॥| नवायुपूराण भ० १०४ इला० ४ न |
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