सुभाष ने कहा था | Subhash Ne Kaha Tha

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Subhash Ne Kaha Tha  by गिरिराज शरण अग्रवाल - Giriraj Sharan Agrwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सुशाष ने कहा था झंग्रेज भापकी यह घातक भूल होगी यदि आप अंग्रेजों की सरकार को अंग्रेजों से भिन्न मानें । निःसन्देह ब्रिटेन में आदकंवादियों का एक छोटा-सा समूह है--जैसा कि अमरीका में भी है--जो चाहता है कि भारत आजाद हो जाए। इन आदर्शवादियों को वहां वाले सनकी समझते हैं । उनकी संख्या नहीं के वरावर है । जब भारत का प्रइन उठता है तो यथा में अंग्रेज सरकार और जनता में कोई अन्तर नहीं रहता 1 -ा्गांधीजी को सन्देश (६ जुलाई १९४४) मैं अपनी पूरी ताकर्त के साथ यह कहूंगा कि युद्ध यदि भारत तक साधा तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उन भारतीयों पर ही होगी जो ब्रिटेन के युद्ध में सम्मिलित हो रहे हैं। मैं अपने देश- वासियों की पुनः यह चेतावनी देना चाहता हुं कि अब ब्रिटेन का एकमात्र उद्देग्य भारत को युद्ध में घसीटना है। युद्ध में दूसरे देशों को उलज्ञा देने में अंग्रेज हमेशा सफल रहे हैं । युद्ध में अब तक वे स्थान खाली कर शानदार ढंग से पीछे हटते रहने में ही कामयाव रहे हैं । डर --आजाद हिंद रेडियो जर्मनी से प्रसारण (२५०४-१९ ४३) सुमाप मे कहां हा




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