एक बार फिर | Ek Bar Phir

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Ek Bar Phir by डॉ. राजानंद - Dr. Rajanand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एक वार फिर 15 सरोकार । वाप तो वाप तब तंक के लिए होता है जद तक बेटे को नौकरी नहीं मिले । दोनो अपनी कमाई को लेकर अपने-अपने हो गए। छोटा इसलिए मेरे पास हैं बयोकि पढ़ तो चुका है लेकिन वेकार बैठा है । मैडम जी मैंने उसके लिए भी आपसे कहां था उसको अपने यहाँ या कही और लगवा दौजिए तो मेरा उसका दोनो का भला हो जाए । मुझे मज़ाक सूझा था । मैंने कहा था नौकरी लगते हो बह भी दूस रा हो जायेगा । क्यो बेटे को हाय से खोते हो ? निगम आखिर पका हुआ बाबू है फीरन जवाव दिया--मैंडम जी कघे तोडमेवाले बोझ के यने रहने से अच्छा है बह वोझ किसी दूसरे का हो जाये । क्या मैं गलत हूं । मेरी एक लडकी शादी होकर ससुरालवालों की हो गई तो उन तीन की तरह मेरा वोझ तो नहीं है थो मुझ पर हैं आज । कौन कहे दि. लिप भोला है.। दास्तद से आज कोई भोला होता ही नहीं अपने मुदुदे को साध लेने के लिए आदमी नाटक करे तो घात दूसरी है । मैंते निगम से पीछा छुड़ाने के लिए उससे कह दिया था कि सिफ़ारिश कर दूंगी यानी अपनी तरफ से उसके पक्ष मे लिख दूँगी आगे कम्पनी वाले जाने ) बह मेरे लिए शुभ कामनाएं करते हुए चला गया था। साथ में यहं भी कहता हुआ चला गया था कि आप मेरी हालत को पूरी तरह नहीं जानती है मैं इस कम्पनी का पुराना नौकर हूँ आपको आए तो सिर्फ दो सान हुए है। उसने सही कहा था । मुझे इस कम्पनी में इस जगह पर काम करते हुए सिफ्फे दो साल हुए थे । निगम मेरी खुशामद इसलिए कर रहा था ताकि मै उमकी सिफारिश अच्छे शब्दों में कर दूँ वाकी बहू इसी तरह गिडगिड़ाकर ऊपर से अपना काम करवा लेगा । मुझे निगम के पूरे हालात जानने से कया. मतलब था। दपतर में कितने लोग हैं किस-किस के हालात जाने जाएँ। और क्यों जाने जाएँ ? उतनी जानकारी वयों न रखी जाय जितनी की जरूरत हो । निगम ने कहा--मजदूत शब्दों से सिफारिश करने के लिए । मैंने एक




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