आदिवासी भील - मीणा | Adiwasi Bheel Meena
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.82 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about संतोष कुमारी जैन - Santosh Kumari Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दापवा पूरा परिवार धौर परिचित आदिवासी भील-मीणा के बारे में विस्तृत वर्णन पढ़-सुनवर दग रह जाएंगे लेखिका ने यह ध्यान रखा है कि सील-मीणों वे जीवन की दातें दु ख की हैं या सुख की निराशाजनक हैं या झाशाजनके जीयन के निरन्तर निर्माण श्रौर चरिन-सर्जेन की प्रवल प्रेरणा दे जाए ० प्रस्तुत पुस्तक साधना बुव्ह का प्रथम परिचय है झौर भी कई पुस्तकें यथाशीघ्र प्रकाशित मी जा रही हैं--उपन्यास नाटक दविता श्र कथा-साहित्य विशेष रूप से हम बाल साहित्य प्रकाशित वर रहे हैं जिसके श्रस्तगंत श्ननेक सुन्दर शरीर मनोरजक कहानियों का सगम-सकलन है जिनमे जीवन वे नेतिक सुल्यों से सपुर्ण भव्य भावनागरी के द्वारा मानवमात्र के मंगल और सावंवालिक विकास की रूप- रेखाएं श्रालोक-किरसों बन प्रकाशित होगी हू पत्रकारिता शभ्रौर लेखन से प्रवाशन-व्यवसाय तक की यात्रा मे मुझे जिन साथिपों शौर महानुभावो का स्नेह सहयोग एव मार्गदर्शन मिला है उनका उल्लेख करना झावश्यक है--नदकिशीर नौटियाल विश्वनाथ वासन वाले प्रियदर्शिनी परेशनाथ विष्णु शर्मा भ्रर्तोश जानकीलाल व्यास दिनेश चद्र शर्मी यशपाल शर्मा जिनेस्द्र बुमार प्रिंस इक्वाल नलिनी गुप्ता फारूक झाफरीदी महावीर भगोरा नन्दलाल मीणा युवराज शर्मा इकराम राजस्थानी प्रमिला राव श्रीगोपाल पुरोहित डॉ. इदुशेखर गुलाव कोठारी गुलाबदास ब्रोकर दादा नत्यूराम सुभाष मेहता भूपेन्द गाधी रगीला एम. ए श्रर्ण किम्मतकर इष्णऊुमार सौरभ भारती शझादि साथ ही मैं सत्पनारापण भग्रवाल (प्रिद प्रो लैंड) दौर श्रीकान्त डडिया (श्री प्रिर्स) बा भी भाभारी हु जिन्होंने बहुत ही वम समय में यह पुस्तव आ्ापके हाथों में सॉपने में सहयोग दिया के प्रमुपम परदेशों साथना युवस जयपुर
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