राजस्थान के ग्रंथागार | Rajasthan Ke Granthakar

Rajasthan Ke Granthakar by नारायणसिंह भाटी - Narayan Singh Bhati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार जेसलमेर सुषीछ क्कुस्तार च्ठुथ्था जैसलमेर नगर जैसा श्रथवा जैसल द्वारा बसाया गया था । जैसलमेर (जेसल का दुर्ग) शब्द की व्युत्पत्ति जेसल तथा मेरू इन दो शब्दों के योग से हुई है। राज्य के तत्कालीन शासक राव जैसल ने उस समय की राजधानी लीद्रवा को प्रतिरक्षा की रृप्टि से श्रनुपयुक्त समभक कर दूसरे स्थान पर जैसलमेर के दुर्ग की स्थापना संवत्‌ 1212 सावण सुद 12 इतवार तथा मूल नक्षत्र में की थी । (सन्‌ 1155 ई.) श्राज भी भग्नावस्था में लौद्रवा जैसलमेर के उत्तर- पश्चिम में जिले के मुख्यालय से 16 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जिले का यह क्षेत्र प्राचीनकाल में माइघरा श्रथवा वस्ल मंडल के नाम से प्रस्यात्त था 1 राजस्थान बनने के पश्चात्‌ सन्‌ 1949 में भूतप्रवं जैसलमेर रियासत में जोधपुर रियासत के कुछ भाग मिलाकर जैसलमेर जिले का निर्माण किया गया 14 यह जिला राजस्थान के सुदूर पश्चिम मे स्थित है झौर भारत के विशाल मरुस्थल थार का बड़ा भाग है। यह 26 -01 से 28 -02 उत्तरी श्रक्षांस व 6929 से 72%-20 पुर्वी रेखांश के मध्य स्थित है । नए 1. शर्मा जी एन. सौशल लाइफ इन मिडइवल राजस्थान शागरा 1969 पृ 49 2. मु. नें. स्या भाग 2 पृष्ठ 279 स्यात पृष्ठ 47 तवारीकष पृ. 28 टॉड राज भाग 2 पृष्ठ 495 वो. वि. भाग 2 पृष्ठ 1757 पुर्णंचस्द्र नाहर जें ले. सं. खण्ड 3 भरुमिका पृष्ठ 5 रिप्रेजेण्टेशन झॉँफ जेसलमेर स्टेट 1935 पृ. 38 3. राजस्थान जिला गजेटियसे जेसलमेर 1977 पृ. 1. 4. राजस्थान जिला गजेटियस जेंसलमेर 1977 पृ. 1. 5. स्परोत कार्यालय भारतीय सर्वेक्षण विभाग पश्चिमी वूत कार्यालय जयपुर राजस्थान 1 राजस्थान जिला गजेटियर्स जैसनमेर 1977 यू. 1. ग




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