प्रेम कहानी | Prem Kahani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.64 MB
कुल पष्ठ :
66
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विक्टर झूगों
एडिली के विश्वासधात ने विक्टर छगो को
विश्क्त कर दिया । खियों पर से उसका विश्वास
उठ गया ! उस समय तक उसके कई नाटक खेठे जा
चुके थे । जनता ने उनका खूब स्वागत किया था ।
१८९३ में उसका एक नवीस नाटक खेला जानेवाला
था। उन दिनों एक नाव्यशाला में उसकी दृष्टि
'जूलिएट' नाम की एक अत्यन्त सुन्दरी ऐक्ट्रेस पर
पड़ी । वह जवानी के पूर्ण आबेग में थी । उसकी
आकृति बढ़ी पतित्र और गंभीर थी । उसकी 'आँखें
शान्त और सनसोहक थीं । रिहसल के समय विवटर
से झमेक बार उसे देखा था । उसके सौन्दये में विक्टर
को अपनी आर आकर्षित किया । किन्तु उसे उसपर
भी विश्वास करने का साहस न हुआ !
जूलिएट के प्रति विक्टर की शुप्त सहानुभूति
होने के कारण ही, विक्टश के एक ये नाटक में,
उसे एक शनी का पार दिया गया । जूलिएट को यह
मली मैंति मालूम, था कि विक्टर ऐक्ट्रेसों ( अभि
नेत्रियों ) को घृणा की हृष्टि से देखता है ! सम्मवतः
ध्ट
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