वीर मराठा बाजीराव पेशवा | Veer Maratha Bajirao Peshawa

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Book Image : वीर मराठा बाजीराव पेशवा  - Veer Maratha Bajirao Peshawa

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( दे , भूल हुई जो ऐसा विचार उत्पन्न हुआ । महाराष्ट्र चीरगण उद्भान्त नहीं हुए । वीराड़शा महामाया तेजस्वी तारेश्वरी के वीरोचित उत्तेजना पूर्ण भाषण से मराठे वीर क्र सकी भाँति फुफकार कर उठ खड़े हुए श्र वीरोन्मत्त हो द्विगुण उत्सादद से नीच श्रोरंगजेब को ससरेन्य महाराष्ट्र भूमि से एक बारगी विताड़ित करने में झाग्रसर हुए । सारे महाराष्ट्र प्रदेश में महाराणी तारा के उत्तेजना पूर्ण भाषण ने झाग खुलगा दी, डस अग्नि की ज्वाछा से तापित होकर महाराष्ट्र वीर अख्तर शस्त्र सहित युद्ध भूमि में आाडटे झौर तलवार के थार के साथ ही. साथ झँख से अधि की ज्वाला फेंकते हुए झऔरंगजेब का मद-मदन करने लगे । चल समय महाराष्ट्र वीरगण किसी भाँति भी एक झश्व और तेजस्वी चन्द्र के समान चमकता इुझ्आा भालठा यदि कर तल में कर पाता तो वही भागते हुए मुगष सेन्य सिपाहियों का पीछा कर उसे दूसरी दुनियां में जाने की झनुमति दे देता हरहर महादेव ” के गगनभेदी नाद से क्षुद्व यवनों का इृद्य कॉप उठता था और ध्वनि के साथ ही साथ दि्गि दिगन्त से प्रतिध्वनि होने छगती थी । रण--चरडी तारे-: श्वरीं के चक्तओं की भयंकर असिज्वाला से, मुगल सैन्यगण सस्मीभ्रूत होने लगे थे--हाहाकार मच गया था । झपने. पति, झौर पति के ज्येष्ठ भाता का बदला पद देश को स्वाधीन: करना ही उस वीर भारत-रमणी का एक मात्र लय था ।




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