भाग्य फल | Bhagya Fal

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Bhagya Fal  by नेमीचन्द्र शास्त्री - Nemichandra Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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् सारग्यफेसि /नननन एनय>वननाव होता है। कार्तिक, माघ और चेत्र ये तीन महीने इनके लिये कष्टदायक होते हैं । कृष्ण पक्त के जन्म वालों के लिये अगहन ओर माघ कपष्टकर बताये हैं । इनके लिये वेशास और ज्येष्ठ ये दो महीने प्रायः अधिक सुखदायक होते हैं। गर्मी के दिनों में लू भी जल्दी लगती है। मेप राशि के सूर्य के ७वे अ श में जन्म लेने वाले ( वेशाख शुक्त ५.५ ) तिथियों में जन्म व्यक्ति आायः, लू लगने से ग्रत्यु को प्राप्त होते है. । चरित्र की कमजोरी और इढ़ता--बेशाख मास में उत्पन्न होने वाले व्यक्ति प्रायः नेतिक होते हैं । ईमानदारी, इनका विशेष गुण होता है, ण्क वार जिस बात को कह देत है जान जाने पर भी उससे इनकार नहीं करते है, व्यावहारिक भूठ के अतिरिक्त सफेद भूठ नहीं बोलते है। घम भीरू प्रायः होते है । बड़े पुरुपो का सम्मान करना एवं उनका शादेश मानना इनका प्रधान कत्तंघ्य होता है हृदय के स्वच्छ होते है, हो ऊष्ण पक्ष के व्यक्ति कुछ कुटिल आर गम्भीर स्वभाव होने के कारण अपने मन की बात को छिपाने वाले होते हैं। लंज्िक शैथिल्य प्रायः शुक्-पत्त के व्यक्तियों में श्वधिक होता है। कृष्णु-पत्त की प्रतियदा तक उत्पन्न हुए व्यक्ति पेट के कपटी शोर लेड्िक श्ाचरण के शुद्ध होते हैं। इनकी बात का पता लगाना बड़ी टेढ़ी खीर होता है। ९<वर्षे से लेकर ३३ बषे की आयु तक किसी अप- शाघ्र में इस मास चले व्यक्ति जेल भी जति हैं, नैतिक ाचरण साधारणतः! इस मम वाले व्यक्तियों का अच्छा होता हे !




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