ऐतिहासिक स्थानावली | Aitihasik Sthanawali
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23.12 MB
कुल पष्ठ :
1138
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about विजयेन्द्र कुमार माथुर - Vijendra Kumar Mathur
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ऐतिहासिक स्वानावसों 4
अझवध्ठ
पंजाब बा प्राचीन जनपद । महाभारत में इसका उल्लेय इस प्रकार है
*वदातय शात्वका केकपाइच तथा अवध्ठा ये श्रिगर्ताइंच सुख्या ' उद्योगं० 30,
231 चिष्णुपुराण में भी अवप्ठो वा मदर और आराम जनपदवासियों के साथ
वणन है --'माद्रारामास्तथाम्बप्ठा पारसीकादयस्तथा” 2,3,1%। वाहस्पत्य अथ-
शास्त्र (टॉमस, पू० 21) में अवध्ठो के राष्ट्र वा वर्णन कइमीर, हुणदेश और
सिंध ये साथ है । अलक्षेंद्र वे आत्रमण के समय अबप्ठनिवासियो के पास शक्ति
द्याली सेना थी । टॉलमी ने इनको अबुटाई (& 0७012) बहा है ।
झवानी (राजस्यान)
आवूरोड स्टेशन से 12 मील दूर राजस्थान या प्रसिद्ध तोथ है। यहा
सरस्वती नदी, कोटेश्वर महादेव और अवाजी वा मन्दिर है । स्थानीय किवदती
है वि बालइप्गा वा मुडन सस्कार यहीं हुआ था । एव अय जनश्रुति वे आधार
पर यह भी कहा जाता है कि रव्मिणीहरण इसी अबाजी के मंदिर से हुआ
था । यह पिछली जन दुति अवश्य ही सारहोन है क्योषि महाभारत के अनुसार
रुविमणी विदभ थी राजबुमारी थी ।
श्रबाजोगई (जिला भीड, महाराष्ट्र)
यह नगर जीवती नदी के तट पर बसा है। नदी वे दूसरे तट पर मोमिनाबाद
नामक कस्बा है। अबा के पंचम जैनो वे पूवज चालुक्या के सामत थे । नगर
मे एव प्राचीन मदिर है जिसका निर्माण देवगिरि नरेश सिंहन वे दासनकाल
में हुआ था । इस पर 1240 ई० का एक जभिलेख है । नगर के आसपास हिंदू
तथा जैन मदिरो वे खण्डहर हैं । जीवती के तट पर ही अबाजोगई वा प्रसिद्ध
मदिर है जो चट्टान मे से काट कर बनाया गया है । इसका मडप 90 फुट >६
45 फुट है । यह मंदिर स्तभा को चार पक्तिया पर आधारित है । मराठी कवि
मुकुदराम की समाधि भी यहा स्थित है । दे० भीड।
श्रबिकानगर दे० श्रमरोल
झबु (जिला शिमोगा, मैसूर)
शरावती नदी इस स्थान से उदभूत हुई है। किवदती है कि यहा श्रीरामच द्व
के बाण मारने से दारावती प्रवट हुई थी । अबु वी तीथ वे रूप में मायता है 1
श्भा लक
बिप्णुपुराण 2,8,45 में उल्लिखित कुद्द्वीप की एक नदी--“विद्युदभा मही
चा या सवपापहरास्त्विया ' ।
User Reviews
Pradeep
at 2019-03-14 16:38:49