आधुनिक आर्थिक व वाणिज्य भूगोल | Aadhunik Aarthik Va Vanijya Bhugol

Aadhunik Aarthik Va Vanijya Bhugol by ए. दास गुप्ता - A. Das Guptaडॉ. अमरनाथ कपूर - Dr. Amarnaath Kapoor

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ए. दास गुप्ता - A. Das Gupta

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डॉ. अमरनाथ कपूर - Dr. Amarnaath Kapoor

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मनुष्य तथा उसकी परिस्थिति श्र यातायात की सुगमता होती हैं । ससार के ८५ प्रतिशत रेलमार्ग मंदानों में ही बने हैं । गद प्रवाह के कारण में दानी नदियाँ भी नाव चलानें योग्य होती हूं । यूरोप की राइन, ऐट्ब, रोन, डैन्यूव, नोपर तथा डौन, सपुक्त राष्ट्र अमरीका की मिसीसीपी, भारत की गया और ब्रद्मपुन तया पाकिस्तान की सिघु नदियाँ समतल भूमि पर बहने के कारण ही नाव चलाने योग्य हैं। जलवायु व भूमि की समता के कारण ससार के मुख्य कृपि-प्रधान देश मैदानों में ही स्थित है । मंदानों में गमगागमन की युविधा के कारण साल तथा विचारों का आदान-प्रदान सुविधापूर्वक हो सकता हैं । अत मंदानों मे कृषि, व्यवसाय, उद्योग- धन्वो, यातायात और व्यापार का महत्वपूर्ण विकास हुआ है और ससार के सभी मुख्य नगर मैदानों में ही बसे हुए हैं । परन्तु सभी मंदानों में मनुष्य के लिए समान सुविधाएँ प्राप्त नहीं छोती । नीची भूमि में जहाँ जलवायु अश्वास्थकर, पानी के निकाय वी असुविधा और भूमि बजर होती है, वहीं मतुष्प बना नहीं चाहता । सच तो यह हैं कि जलवायु को प्रतिकूलता मैदानों की अन्य सभी सुविधाओं को निरयंक कर देती है । अत्यन्त शुप्क, अत्यन्त उप्ण या अत्यत्त शीत मेदानों में मनुष्य नदी रह सकता । इसीलिए वागो नदी की घाटी, अमेजन का घेसिन, सहारा और टुन्ड्रा प्रदेश मेंदान होते हुए भी बहुत कम बसे हें । ५. प्राकृतिक साधनों की उपस्थिति--खनिज सम्पत्ति, घन-सम्प्ि और मछलियाँ निसी प्रदेश के मुख्य प्राकृतिक साधन होते है । इसमें जरा भी अत्युवित नही कि किया जाति के आर्थिक जौवन को नियत्रित॑ करने में इन प्राकृतिक साधनों का महरवपूर्ण हाथ होता हू । खनिज सम्पत्ति का जोवन के ढंग पर बड़ा प्रभाव पडता है । खनिज क्षेत्रों का मुरंप ब्ययसाय खान सोदना होता है । मेहनत और हिम्मत से एक प्रदेश-विशेष की खनिज राम्पत्ति को प्रात करके अनेक प्रदेशों ने उद्योगघवों को विकसित किया हे । दक्षिणी अफीका इस वात का ज्वछन्त उदाहरण हैं । वहां सोना अभिक पाया जाता हूं जिसके विकास से अनेक सहयोगी उद्योगघवों की स्थापना हुई हैं । जिस प्रकार दक्षिणी अकोका के विकास का अधा र-स्तम्भ वहाँ की सोने की खाने है, उसी प्रकार आस्ट्रेलिया के उद्योगों की प्रगति का आधार भी वहा की खसिज सम्पत्ति ही हैं । 'वन-सम्पत्ति--वन प्रदेशों के निवासियों का प्रमुल धधघा लकड़ी काटना हूँ । अस्य उद्योग भी इसी पर आश्रित होते हूं । ना वें और स्वीडन में विदाल वन प्रदेग है । वृक्षों की अधिकता के कारण वहाँ नौका-निर्माण, कागज, दियासलाई और मेज-कुर्मी आदि बनाने के उद्योगधषे स्थापित हो गये हूं । बन-पशुओं की खाल से चमडा तथा ऊन प्राप्त होते हूं । कनाडा में हडसतके समीप असरध कोसल रोप (छिपा) वाले पशुओं का शिकार खाल के लिये किया जाता हूँ। इसके अलावा वनों का जल्यवायु पर भी बडा हैँ महत्वपूर्ण असर पडता है । ये पानी से भरी हवाओं को आइप्ट करके वर्षा में सहायक होते हैं । कृपि-प्रधान देखो के लिये बन बडे हो उपयोग हैं तयोकि न केवल पर्पा की




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