विष्णु शिल्प | Visnu Shilp
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
कमला देवी चट्टोपाध्याय - Kamala Devi Chattopadhyay,
भुवनेश्वरनाथ मिश्र (माधव) - Bhuvaneshvarnath Mishra (Madhav)
भुवनेश्वरनाथ मिश्र (माधव) - Bhuvaneshvarnath Mishra (Madhav)
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.86 MB
कुल पष्ठ :
277
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कमला देवी चट्टोपाध्याय - Kamala Devi Chattopadhyay
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भुवनेश्वरनाथ मिश्र (माधव) - Bhuvaneshvarnath Mishra (Madhav)
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१० वेणु-शिल्प
सघधिर-विकार, मन्दाग्नि, रक्त्पित्त, उ्वर, छुप्द, कामला, पाइ, दाह; छूपा, रण)
मुन्नकच्छू और वात को नष्ट करता ह | इससे ७० प्रतिशत सेलिसिक एसिड और हे»
प्रतिशत पोटाश तथा चूना रहता है |
जिस वशलोचन मे जितनी अधिक सेलिसिक एसिड रहती है, वह उतना ही उत्तम
होता है । इसके प्रयोग से शवसेन्द्रिय की श्लेष्म-त्वचा को बल मिलता है तथा श्वासः
नालिका में उत्पन्न ोनेवाले कफ का क्षय हो जाता है | इस कार्य के लिए सितोपललादि
का चूण उत्तम प्रमाणित हुआ ह ।
आयुर्वंदिक ग्रन्थ 'राजनिघटु के अनुसार दोनों प्रकार के वाँस (नर और मादा)
खट्टे , कसैले, किचित् कडचे, शीतल तथा मुत्रकृच्छ, प्रमेद, बवासीर, पित्त, दाह और रक्त
विकार को शमन करनेवाते हैं |
मादा वॉस अग्नि कों दीप्त करनेवाला, अजीणनाशक, सरुच्चिवद्ध क, पाचक, हृदय
पुष्टिकारक तथा शूल और रुलूम को नए करनेवाला होता है ।
वाँस के चावल भी हीते हैं। कभी-कभी वाँस में जौ के वरावर फल निकल
आते हैं। इन्हीं फलों से चावल के दाने निकलते हैं। इन्ही दानों को वाँस के चावल
कहते हैं। ये चावल कसैले, मधुर, पौष्टिक, वलदद्धक तथा कफ, पित्त, विष और प्रमेट को
दूर करनेवाले हैं ।
गर्भाशय के ऊपर बाँस का प्रयोग विशेष रूप से लाभदायक है। इसके प्रयोग सें
गर्भाशय का सकोचन होता है । इसीलिए प्रपूति के समय इसके कोमल पत्तों का काढा
ख्ियो को पिलाया जाता है ।. इससे प्रसूता के गर्भाशय की गन्दगी बिलकुल साफ हो
जाती है और गर्भाशय अपनी पूर्वावस्था में आ जाता है। बच्चा जनने के पश्चात,
जानवरों को भी वॉस के पत्ते इसी लिए खिलाये जाते हैं कि उनक। गर्भाशय शुद्ध हो जाय |
प्रसूता के अतिरिक्त अन्य स्त्रियों को भी, मासिक शुद्ध न होने पर, बॉस के कोमल
पत्तो तथा कोपलो का, अन्य ओषधियों के मिश्रण से बनाया काढा पिलाया जाता दर
जिनसे उनका मासिक-धर्म शुद्ध हो जाता है ।
कि
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