शिशु परिचय | Shishu Paricharya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31.27 MB
कुल पष्ठ :
780
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हमारे जीवन की अमरता है। डुनिया की दूसरी बातों में भले ही गर्व क्यों न
क्या जाय इस काम के सामने वह धूल से भी तुच्छ है।
४. व्यर्थ की वंदिश से सभी को परेशानी :--कई दम्पति ' मा-वाप”
इस नयी नयी जिम्मेदारी को उठाते समय मन ही मन यह महसूस करते हैं
कि उन्हें अब अपनी पदले जैसी साजादी और सुख-सुविधा को छोड़ देना
पढ़ेगा। वे सोचते हैं कि यद्द बात केवल व्यावद्दारिक तौर पर ही नहीं बरस,
सिद्धान्त रूप से मी लागू दो जायेगी । कभी कभी सोरी-छुपे लो लोग इस
जिम्मेदारी से भाग निकलते हैं सर आाजादी व सुख-सुविधा के वातावरण में
दो घड़ी सौंस लेने पहुँच भी जाते हैं, वे भी यदद महसूस करते हैं कि उन्हें
इसमें पहले जैसा पूरा आनंद ही नहीं आता है। पहला बच्चा होने पर शुरू
शुरू के दिनों में एसा दोना स्वामाविक ही है क्योंकि यदद सब्र एक नयी चात
है और उनका सारा समय इसीमें लग जाता है। परन्तु लरूरत से ब्यादा
इघर दी उलझे रददनो न तो माता पिता और न बच्चे के दी हित में है।
मा-चाप अपने आपको इसीमें इतना उलझा लेते हैं और इतने व्यस्त हो जाते
हैं कि बाहरी लोगों में उनको भर उनमें बाहरी लोगों को आनन्द व मनोरंजन
लैसे कोई चीज नहीं मिलती । यहाँ तक कि वे पति-पत्नी के तौर पर भी एक
दूसरे में जो रस पदले लेते थे वदद भी नहीं मिल पाता है।
वे इस बंदिश व कैद से मन ही मन झट्ज्ाते हैं। यह एक ऐसी बंदिश
है जिसे उन्दंने खुद ही निरार्थक अपने पर लाद रखी है। इसके कारण वे
बच्चे के प्रति भी खीझने लगते हैं। उस बच्चे ने तो कभी इनसे यदद नहीं
सादा कि ये उसको लेकर दुनिया मर की दूसरी समी बातें ही भुल्ला वैठें। बच्चे
पर इतना अधिक '्यान देने के कारण मा-बाप उससे बहुत ही अधिक पाने की
आशा कर बैठते हैं। इस तरइ सब कुछ उलपुलट हो जाता है । वास्तव में
ऐसी कई बातों में संतुलन बनाये रखने के लिए यदद जरूरी है कि बच्चे की
सर इतना ही ध्यान दिया जाय जितना कि वास्तव में उसके ज़िए जरूरी
है। मा-बाप बच्चे की देखरेख के अलावा अपने आमोदप्रमोद, गपशप
ब सुखसुबविंधा का समय सी निकाल सकते हैं। इस तरद आाप बच्चे को
अधिक प्यार भी कर सकेंगे और जत्र आप बच्चे के साथ दोंगे तो वह भी यह
सरलता से देख सकेगा कि आप उसे पूरा पूरा स्नेह दे रहे हैं।
६. मा-वाप द्वारा वच्चों से भी वदले में कुछ वातों की आशा
' रखना ।--मा-बाप मी इसके बदले में बच्चे से कुछ बातों के पूरी किये जाने
4 है ७
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