पंजाब हत्याकांड | Punjab Hatyakand

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Punjab Hatyakand by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चोथा अध्याय | श्ण्‌ सत्यपपालने अलग अलग स्थानोंमे बैठकर यह जुलूस देखा ओर जनताने उन्हें देखकर वड़ी हपें ध्वनि की 1 सर माइकेल औओडा- यरके दिलकों जलानेवालो ये सब घातें थीं । इघर जनता उत्साह , लोन हो रही थी और उधर आओडायरशाही नेताओंके देश निका- लेकी आज्ञा तैयार कर रही थी । ६ वीं अप्रेछकों रातकों डा० सत्यपाठ और किचछू के देश निकालेकी आज्ञा हुईं। १० वी को वे दोनों नेता किसी अनिश्चित स्थानकों भेज दिये गये । यह खबर: अम्तसर्थ्में विजठीकी तरह फील गयो । छोग तुरन्त ही नगे शिर और नगे पेर लमा होकर डिप्टी कमिश्नरके चगलेका ओर सेता- ओके छुटशारेकी म्रा्थना करनेके लिये जाने छगे, परन्तु रेलवे पुद्धकें पास वे रोक छिये' गये आर उनके आगे बढनेपर गोली चलायी गयो जिससे कुछ जादमो मरे ओर घायल हुए । मीड़में च्तिलीक पास छड़ी तक न थो। जब गाली चलठ गयी नो लोग वापस छोटे भोर फिर चहुत बड़ी भीड़ उत्तेजित हाकर लाठिया उेकर रखे पुरको तरप्् बढ़ी । अछतस एंड चकीछ चेस्स्टिर छो- गोकों चापस जानिकी सलाह दे रहे थे कि फिर गाल्डों दाग दी गयों जिससे उगमगप चीस आदमी तुर्त दो मर गये अर कई आदमी घायड हुए ।. अच जन खनूद एकदस बिगड़ पड़ा! जनाना अध्पताठकी प्रिसेज इस्डन छोगों को घायल देघ दस पड़ी आर चोरी कि डिन्दू मुसत्मानोंकि मेछन्छा स्वाद मिल गया। दसपर लोग विगड़े आर उन्हें पकड़नेके लिये अस्पताठमें घुस पढे। ये किसी तरह बच गयी । उत्त नित जनताने फिर नेशनल वे'कपर:




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