रूस की तारीख | Roos Ki Tarikh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39.86 MB
कुल पष्ठ :
598
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विज्ञापन । ९
बात की कोशिशथी कि यह आपसका भगदा मिटजाय और दोनों ओर
की नासमभरी और उन्॑ ऋगड़ॉकी वजद कि जिनके निश्संदाय और निर्थ-
यतासे एक दूसरेपर लगाताथा उसका परिणाम-यह ' उत्पन्नहुवा कि दोनों
महादाय मुझसे अपसन्नदेशगये इंगलिस्तानर्म ते सुकपर यह कलंकलगाया
गया कि में रूसियों के फन्दमें आगया और सेण्टपीटर्सवर्गके लोगों ने मुक्त
को बिर्कुल श्रलाहिदा करदिया और मेरे सम्पूर्ण रूसी दोस्त व हितकारी
मेरी संगाति से मुखफेरनेलगे इनदोनों देशों की परस्पर शत्रुता बढ़ते ९ इस
दृदको पहुंची कि विलगारिया और रशियाकेचक में रूसी फौजकेा
कुछ दिनोतक इृठहाती रही और अन्तके रूसियों ने तय्यारियां की
कि बालंटियर सिपाहियों का एकजदाजी बेड़ा इंगलिस्तानकी समुद्र
के मार्गकी सौदागरीकी वरबादी केलिये नियतहुवा -- सेण्टपीटर्सवर्ग - में
कुछ इंगालिस्तान ' निवासियाँके रहनेकी व्यवस्था दिनवदिन खरावही होती
गई लेकिन मैं अपने ओददेपर जमारदा और वहां से कहीं न हिला-
जिससे कि इक्करारनामा सीनइस्टफान पर द्स्तखत होगये श्र सफरके
खानेपी नेकी सामग्री वर्लिनमें जमाददोनेलगी - जिसके मका मैंनेवीरा उठाया
था अव उसका इसमकारसे श्रन्तहोगया और मैं इसशोचमें था कि मैं इस
पराये देशको छोड़कर और किसी देशमें जहां आधिक आरामदों चलाजाउं:
परन्तु उसीसमय में अकस्मात् एक और आफत आपडी जिसके कारण मेरे
जानेमें विध्नहोगया -- देखी मुआामिलातके सम्बन्धिक अखवारटेम्सने कुछ
वात देसी छापीर्थी कि जिनसे महक्मे नज़ारतखारिज़े रूसको इसवातका
शक पेदाइुवा कि उक्त अखबारके समाचारकन अयोग्य वर्सीलेसे उन खब-
रोकी परस्पर पहुंचायाहोगा - चुनांच पुलिस के लोग 'भेद्पहुंचाने केलिंये
इसकाय पर आरूदू कियेगये कि मेरीनकल व हरकत के हा््टिकरत्ता रहें - इन
कार्मोपर ऐसे बेहूदा तौरपर अमल कियागया कि ः अड्तालीस्ंटके अन्दर
मुझको दारियाफ्त दोगया कि मेरी खबरोंके सम्पूर्ण द्वारा वन्द होगये - मेरी
शैवतमें एक पुरुष जिसको व्यवस्था कु अजीव तरहकी थी और जिसका
दाल मुझको झाजतक न मालूमहुवा सझकसे छिपकर मेरे दफ्तर और खास
कर मेरे लिखनेकी मेजकी तलाश व तहकीकात करताथा और एक दूसरा
पुरुष जिसकी पदसा महादाय प्रथमसे भी कुछ आधिकथी वह जहां जहां मैं
जाताथा - परदाईीकी तरद कुछ गजके अन्तरपर मेरे पीछेर्चलताथा-इस
हमज़ादकी इमरादीसे में बहुत लाचारदोगया हालांकि जिसके द्वारा में खबर
दोनों ओरपहुचाताया - चदवदनियती से विल्झुलसाफधे मैंनदेखा कि सुकफकों
शेपर दे रुती मित्रों से निवाइना कठिन इसकारणशसेउनका सिलासिलापन्न साने
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