सवैया | Savaiya

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Savaiya by सवैया - Savaiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १६. ) पद (२) ढोल न रे मेरा भावता मिलि मुक्त आइ संवेरा ( ३) प्रीतम रे मेरा एक तूं और न दूजा कोई ( ४ ) रासा रें सिरजनहार का २द८--ुराग सकराभरनं:-- (१) मन कॉन सों जाइ अटक्योरे (२) मन कौन सो छागि भूल्यो रे भ७--राग घनाश्री-- ) (१ आवो मिलहु रे संत जना हो हो द्ोरी (९) मीर्या हृदम हरदम रे अपने सांई को संभाल (३) हों तो तेरी हिकमति की कुरवान मौले सांई वे ( ४) साई तेरे चंदों की चढ़िदारी ( ६ ) महदो हरि देह दरस अरस परस तरसत मोहिं जाई ( ६) सजन सनेहिया छा रहे परदेस ( ७ ) हरि निरमोहिया कहां रहे करि वास (८) हरि हम जाणिया है हरि हम दी माहीं (६ ) त्रह्म चिचार हें न्रह्म रही ठहराइ (१० ) दृश्यते प्रश्न एक अति चित्रं ( संस्क्रत ) (११ ) क गतन्िजपर विश्वम भें ( संस्कृत ) ( १९) आरती-आरती पर घ्रह्म की कीजे ( १३ ) मारती-आरती केसे करों गुसांई ( इति पदों की सूची ) | गए टास्क पससर! पु <श्८ हट & २€ ३० 8३० ३१




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