उन्नीस सो चालीस | Unnis So Chalis
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.71 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ १७ |
आधिपत्य श्राया । उसने भी चरसाया की सन्धि में लगाये
हुए वन्धन तोड़ने ध्यारम्भ कर दिये । श्पने शिल्प के विकास
के सिलसिले में उसका ध्यान मद्दासमर की भाँति इस चार
भी पूर्व की शोर गया । इस बार भी वह चसरा ही
'पहुँचना चादता था । पर चद् रास्ता दूसरा लेना चाहता था |
वारसाव श्रीर कीच ( रूस के उक्रैन प्रान्त में ) दोकर वहाँ
पहुँचने की उसकी इच्छा थी । पर सोचियत रूस की शक्ति
उक्रैन में बहुत इृद़ृता-पूवक जमी थी। इसलिये कीव का
रास्ता '्ासान नहीं था | तब जरमनी ने फिर से महासमर
के पहलेवाला रास्ता दी. श्पनाया । उसने थ्यास्ट्रिया
को प्पने में मिला लिया । १९३८ सें घ्सने यूसीस्लाविया
श्र हंगेरी के साथ व्यापारिक सन्धि करने के साथ-साथ
समूचे ज़ेकोस्नोवाकिया पर 'माधिपत्य जमा लिया । इसके
चाद मेमेल लिया घोर शिंर दान्त्तसिय 'ोर पीनिशकारिट
पर उसकी निगाद्द यद । सोच दर जरमन उपनिर्शों को फिर
से 'सात्मसात फरने है सिलसिय में जरमन नात्सी नेता टन
सब छोटो-लारी विचयों को नदन्प्रयाधित जर्मन राष्ट्र फी
रूम को उत्तेजित फरने के लिये चटनी की तरपर इस्तैमान्
करना चादते थे। पर स्िटेन-ांस घापने को छोर घथिक
नहीं रोफ सके । उन्हें जर्मनी मदासमर मे पढले वी प्यपेचा
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