पुरातत्त्व - निबन्धावली | Puratatv Nibandhawali
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.96 MB
कुल पष्ठ :
310
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इंटें और गहराई
९
अपवाद मिलते है। गुप्त-कालकी भी इंटें कभी-कभी मौ्य-काऊकी-सी मिलो हैं,
किन्तु उनमें वह ठोसपन नहीं हैं। (जैसे-जैसे जगल कट्ते गये, वैसेही वैसे लोग
लकडीकी किफायत करने कगे , और, इसीलिये, ईघनकी कमीके लिये ईंटोकी मोटाई
आदिकों कम करने लगे ।) मोहन्ुजोदडो भर हडप्पा सवंधा ही इसके अपवाद हैं।
वहाँकी इंढें तो माज-कलकी मेग्रेजी ईटो जैसी लम्वबी-- किन्तु, कम मोटी
हैं। नीचेकी सूचीसे भिन्न-भिन्न कालको ईठोका कुछ अनुमान हो सकेगा--
फाल
ई० पू० चतुरथे श०
मौयें-काल
(ई० पू० तुतीय झा०)
श्र
१कुपाणो से प्ूव॑
कुपाण
गुप्त
ईस्वी छठी-सातवी सदी
ई० सातवीं-आठवी सदी
ई० दसवी-ग्यारहवी सदी
पी
बे
माकार (इंच)
१६ >६ १०३ 2८३
२५ 2६१० 2६ रे
२०४६ १४३ >९ ३
१९३५८ १२३ >( ३३
१९०६ १००८३
१८ >( १० >६ रढ़े
७३४६ १०३ >६ रहे
रु >( १०३ 2८ रे
१४ ६ १० 2८२
श४ >(९ ४९२
१५६१० >६ रहे
४६८ >( रहे
श्२>९९४६२
शरशे> ८ >६२
२२०९९ ०६२
१२०९९०६२
९३ >९९३ 2२
७५०६२
स्यान
पिपरहवा
के
मोटी
सारनाथ
कसया
2
भीटा
सहेटमहेट
्ि
जे
सारनाथ
सद्देटमहेट
१ ई० पु० प्रयन और ईस्वो सन् प्रयम शताब्दियाँ।
(वस्ती )
(बहराइच)
(वनारस )
(गोरखपुर)
(इलाहाबाद )
(गोडा )
(वनारस )
(गोडा
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