पुरातत्त्व - निबन्धावली | Puratatv Nibandhawali

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Puratatv Nibandhawali by राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इंटें और गहराई ९ अपवाद मिलते है। गुप्त-कालकी भी इंटें कभी-कभी मौ्य-काऊकी-सी मिलो हैं, किन्तु उनमें वह ठोसपन नहीं हैं। (जैसे-जैसे जगल कट्ते गये, वैसेही वैसे लोग लकडीकी किफायत करने कगे , और, इसीलिये, ईघनकी कमीके लिये ईंटोकी मोटाई आदिकों कम करने लगे ।) मोहन्‌ुजोदडो भर हडप्पा सवंधा ही इसके अपवाद हैं। वहाँकी इंढें तो माज-कलकी मेग्रेजी ईटो जैसी लम्वबी-- किन्तु, कम मोटी हैं। नीचेकी सूचीसे भिन्न-भिन्न कालको ईठोका कुछ अनुमान हो सकेगा-- फाल ई० पू० चतुरथे श० मौयें-काल (ई० पू० तुतीय झा०) श्र १कुपाणो से प्ूव॑ कुपाण गुप्त ईस्वी छठी-सातवी सदी ई० सातवीं-आठवी सदी ई० दसवी-ग्यारहवी सदी पी बे माकार (इंच) १६ >६ १०३ 2८३ २५ 2६१० 2६ रे २०४६ १४३ >९ ३ १९३५८ १२३ >( ३३ १९०६ १००८३ १८ >( १० >६ रढ़े ७३४६ १०३ >६ रहे रु >( १०३ 2८ रे १४ ६ १० 2८२ श४ >(९ ४९२ १५६१० >६ रहे ४६८ >( रहे श्२>९९४६२ शरशे> ८ >६२ २२०९९ ०६२ १२०९९०६२ ९३ >९९३ 2२ ७५०६२ स्यान पिपरहवा के मोटी सारनाथ कसया 2 भीटा सहेटमहेट ्ि जे सारनाथ सद्देटमहेट १ ई० पु० प्रयन और ईस्वो सन्‌ प्रयम शताब्दियाँ। (वस्ती ) (बहराइच) (वनारस ) (गोरखपुर) (इलाहाबाद ) (गोडा ) (वनारस ) (गोडा




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