अवतार | Avtran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.17 MB
कुल पष्ठ :
200
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( २७ )
जातिप्रे मिका :१--
भारतीय - भव - पूत - भावन -।वथूति पाई
।. भावमयी झपने. झभावन दरति है
ध्झवलोकि झवलोकनीय - वह - वैभव को
काल > अनुकल- झअनुकलता करति है
हदरियौघ' भारत वी भुव - सिरमौर जानि
भावना में विभु - सिरमौरता भरति है
घारि घुर सुधरि समाज को सुधारति हैं
धघीर घारि जाति को उधारि उघरति है ।
--प्र० १०१
.. देशपग्र मिक्रा डा
गौरवित सतत रत त - गौरवों ते द्ोति
गुरुजन - गुदता _ है. कदती कब्रूलती
भुदित वनति झवनीतल मैं फैलि फैलि
कीरति की कलित-लत] को देखि भ्रूलती
हृरिय्ौव” प्रकृति-अलौड्किता अवलोकि
घ्रम के हिडोरे पै है पुलकित भुलती
भारत की भारती-विभूति ते प्रभावित हु
भामिनी भली है भारतीयता न भरूलती |
-प्० १०१०९
जन्मभूमिप्र मिका ।--
चकित बनति हरि. उच्चता हिमाचल की
चाहि “ कनकाचल .की. चारुता-चरमता
मुदित करति निधि मानता है नोरघि की भर
मानस-मनोहरता .सुरपुर की. समतां
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