नैवेध | Naivedh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.84 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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-ध्यु व ४ 158.
कक
नेवेद्य
चेतावनी !
बहुत गयी थोड़ी रही, नारायण अब चेत ।
काल चिरेया चुगि रही,निसिदिन आयू खेत ॥
काल्दि करे सो आज कर, आाज करे सो अब 1
पलमहद परले दोयगी, फेर करेगा कब ॥
रामनामकी लूट है, लूटि सके तो लूट 1
फिरि पाछे पछितायगा, प्रान जाहिंगे छूट ॥
बेरे भावें जो करो, भलों घुरो संसार!
नारायण तू वेठकर, अपनों भवन घुद्दार ॥
कन्या न न
चेतावनी ही
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