समीकरण - मीमांसा | Samikaran-mimansa
श्रेणी : गणित / Maths
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12.64 MB
कुल पष्ठ :
632
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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। जिनरें मुख्यतः समीकरण में अन्यक्त के घन्शमान और
'असल्भद मान की सीमांसा घर चिन्ह राति है ८ बॉ प्रदस
चेंही ) डेकाट ने दो वगेसमीकरण के रुसनफलहप थे ५क चतु-
बाद समीकरण का ले झाने की युक्ति के भी दिखलाया हैं ।
-यरपि यह युक्ति फेरारी के प्रकार से भी निकल अती है तथापि
व्यवहार में उपयोगी है (१९४ वाँ प्रक्रम देखो) ।
सच १७७० ईं० में झायलर ( छणाटा ने एक वीजगशित
न्लना कर प्रकाश किया । उसमें चतुवोत ससीऊूप्ण तोइने के
लिये चत्तम प्रकार दिखलाया गया है और साथ ही साथ सिद्ध
डिया गया है कि चतुधोत समीकरण वा तोड़ना ए6 घर
-ससीकरण के झाघीन है झथात् यदि उस घनस मी र्रण के ऊद्यत्ता -
मान विदित हो जाय तो चतुर्ीत समीकरण के अत््यक्तमान था
जिदित हो सकते है (१९९ वाँ प्रकम देखा) । डे४ ट और पल
डे अकारों के देख कर बहुतों की इच्छा हुई कि चतुवात से ऊ०९
के यादवाजि समोकरण के तोड़ने का प्रकास निशन । इसके लिए
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पश्चाद वार्डरमाणडे (#2ए06700006) ओर लाटोउड , 1.3 -
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फिए कि चतुघात से अधिक घातदाले सर्यीकरणा के ठो:ने का
सावारण बिंधि बीजगणित की युक्ति से झसम्यव है। (८ 9 -
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