याज्ञवल्क्य स्मृति | Yajnavalkya Smriti

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषयायुक्रमणिका । (१३) सं० विषय, पुष्ठ, | सं० विषय, पृष्ठ, दे३५ गोपके विषयमें निणयें... .... २९० |. अथ दृत्तापरदानिकप्रकरण ॥ १९ ॥ परदे गोपके नौकरीकी कहपना _ ««». ”. | ६५७ दुत्ताप्रदानिकका स्वरूप... «««« रे२६ ६३७ प्रमादसे नाश होनेमें निर्णय ६५८ दुत्तानपाकमैका स्वरूप... «««« ६३८ पशुोंके कर्ण जादिका चिट्ठ ६५९ उसके चार मेद॒ «...» श? दिखानेमें निणय॒ «..... ... ”. | ६६० म्टुम्बके- अपिरोधसे देने योग्यके ६३९ पाछके दोषसे पटथुके नाझामें विषय निणंय ««..«.. «««.”? पाठको दूंढ_. « ६६१ मतव्यगणका वर्णन «...... «०? ६४० गोचारका निर्णय **«« २२९ | ६६२ आाठ प्रकारका जदेंय ०० ६४९ गौआाईिकोंके प्रचारार्थ क्षेत्रका ६६३ सवेखदानमें निषेष.... «०. ” परिमाण.«...... ०«८« *”. 1६६४ सोना आदिक टसरेंकों कारक इति स्वामिपाठविवादप्रकरण ॥ 1० ॥ दसरेको नहीं देना, .... » ३२७ अथ अस्वािविक्रयप्रकरण ॥११॥ १४२ अस्वामिविक्रयका छक्षण. . .... ३९९ 5१४२ एकांतमें थोडेसे बेचनेका निषेध ६४४ स्वामी: करिके अभियुक्तऋताकी कर्तेव्पता........ ««...... «८? ६४५ क्रेता पकड़े पीछे कर्तव्य. .... ३२३ १४६ देशांतरमें क्रेता गया होय तो योजनकी संख्यासे काछावधि.... १? ६४७ मोछ छानिमें निर्णय ........ .... ” ६४८ अज्ञात देदुके विषयमें निर्णय .... ६४९ साध्याद्िकोिंने ऋयका झोधन करनेंगें दुढ.. ....... .... ६५९० नष्ट वल्तुके निश्चयके उपाय .... ३२४ 5५९ नष्टवस्तुके अमाव करनेमें दूंड .... * 5५२ तस्करकों छिपानेषाछेके विष- यमें निर्णय... ...... .... १९३ राजपुरुपने छायेके विषय नि० १५४ नष्टद्रव्य राजाके पास छाया द्ोय तो राजाने रक्षण करना. .... » 5१९८ रक्षणके निमित्त राजाका माग «...३२५ द५६ परस्वामेक नष्ट पूशुओंका ए- कदिनका वेतन .... «८ इति अस्वामिषिक्रयप्रकृरण ॥ 99 ॥ ६६५ देयघनको प्रकाशमें देना «८८. ” ६६६ देनेको कहा होय तो भी अध- मियोंको देना नहीं तप... ««« ” ६६७ अदृत्तका प्रकार .««.«.... »««« * ६६८ दुत्तादत्तका स्वरूप .«...... «८ * हाते दत्ताप्रदानिक्रकरण ॥ १९ ॥ अथ कीतानुशयप्रकरण ॥ १३ ॥ ६६९ क्ीतातुशयका स्वरूप... «««« २२९९ ६७० पिछे छोटा देनेका निणय _ .... ६७९ दूसरे जाईक दिनोंमें पीछे छोय देनेका निणे कसा मे ६७२ बाजादिकोंके विक्रयमें परीक्षा- का काछ सम, . ० “सी ६७३ सुवर्णाद्कॉकी परीक्षा... ....” ६७४ कंबछादिकोंमें इृद्धि «०» डे डे ६७५ द्रव्यातरमें विद्वेष ........ ....?? ६७६ ह्वास इद्धिके ज्ञानका उपाय .... ३३१९ इति क्रीतानुशवप्रकरण ॥ 9३ ॥ अय अम्युपत्य अशुश्रुषाप्रकरण ॥ १४ ॥ 5७७ स्वीकार करके सेवा न करनेका सरूप . ««« «»« रै३२ ६७८ पांच प्रकारके शुश्नपक ०... ६७९ 'चार प्रकारके क्रमंकर कि + बश्७क रंगे /




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