संपूर्ण गाँधी वांड्मय भाग 62 | Sampurna Gandhi Vaadmay Vol - 62

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पाठकोंको सुचना हिन्दीकी जो सामग्री हमें गाधीजीके स्वाक्षरोमे मिली है उसे अविकल रूपमें दिया गया है। किन्तु दूसरो द्वारा सम्पादित उनके भाषण अथवा लेख आदिमें हिज्जोकी स्पष्ट भूलोको सुधार दिया गया है। अग्रेजी और गुजरातीसे अनुवाद करते समय उसे यथासम्भव मूलके समीप रखनेका पूरा प्रयत्न किया गया है, किन्तु साथ ही भाषाको सुपाठ्य बनानेका भी पुरा ध्यान रखा गया है। जो अनुवाद हमे प्राप्त हो सके है, उनका हमने मूलसे मिछान और संशोधन करनेके बाद उपयोग किया है। नामोको सामान्य उच्चारणके अनुसार ही लिखनेकी नीतिका पालन किया गया हैं। जिन नामोके उच्चारणमे सशय था; उनको वैसा ही छिखा गया है जैसा गाधीजीने अपने गूजराती लेखोमे लिखा है। न मूक सामग्रीके बीच चौकोर कोष्ठकोमे दी गई सामग्री सम्पादकीय है। गाधीजीने किसी लेख, भाषण आदिका जो अंश मूल रूपमें उद्धृत किया है, वह हाशिया छोड़कर गहरी स्थाहीमे छापा गया है, लेकिन यदि कोई ऐसा अंश उन्होंने अनूदित करके दिया है तो उसका हिन्दी अनुवाद हाशिया छोड़कर साधारण टाइपमे छापा गया है। भाषणोकी परोक्ष रिपोर्ट तथा वे शब्द जो ,गाधीजीके कहे हुए नहीं है, बिना हाशिया छोड़े गहरी स्याहीमें छापे गये है। भाषणों और भेटकी रिपोर्टोके उन अंशोमे, जो गाधीजीके नहीं हैँ, कही-कही कुछ परिवतन किया गया है और कट्दी-कही कुछ छोड़ भी दिया गया है। शीषंककी लेखन-तिथि जहाँ उपलब्ध है वहाँ दायें कोनेमें ऊपर दे दी गई है। परन्तु जहाँ वह उपलब्ध नहीं है वहाँ उसकी पूति अनुमानसे चौकोर कोष्ठकोमें की..गई है, और आवश्यक होने पर उसका कारण स्पष्ट कर दिया गया हैं। जिन पन्नोमे केवल मास या वर्षका उल्लेख है उन्हें आवश्यकतानुलार मास या वर्षके अन्तमें रखा गया है। शीषंकके अन्तमें साधन-सुन्रके साथ दी गई तिथि प्रकाशन की हैं। गाघीजीकी सम्पादकीय टिप्पणियाँ-और लेख, जहाँ उनकी लेखन-तिथि उपलब्ध है अथवा जहाँ किसी दृढ़ आधार पर उसका अनुमान किया जा सका है, वहाँ लेखन-तिथिके अनुसार और जहाँ ऐसा सम्भव नही हुआ वहाँ उनकी प्रकादन-तिथिके अनुसार दिये गये है। थ प्ब्




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