उवसग्गहरं स्तोत्र कल्प | Oovasagghar Strotra Kalp
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.24 MB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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श्रवर्गय॑ पंवयण निच्चंद,... भवे. वे पास. जिणचंदे |
तुह पय पंकय मंयरंद,.... भव भसलतं भवऊ महा बंद ।॥११॥।
सिरि मह वाह रइयस्स,. जिण पहसूरि हि मं सपहांवं
संथघणस्से.... ससेग्गस,... विहिय॑ विवृहाणय पयस्स ॥२९॥
हृति शो उपसगंहरस्य स्तवन संपूर्ण ॥।
सिने, (ठ #डिसे
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