भारतवर्ष की सच्ची देवियां भाग १ | Bharat Varsh Ki Sachi Devian Pratham Bhag
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.93 MB
कुल पष्ठ :
208
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१० )
प्रश्नकर बैठतीं थी । एक प्रकार को शा-
स्त्राथ होताथा और शिवजी नमता और यो
ग्यता से देवो को उसका प्रर्नोत्तर देते थे।
यह बातायें प्रायः मोझऔर बैरोग्य पकरणों'
पर होती थीं इनके अतिरिक्त और भी इसी
प्रकार की बहुतसी बातें होती थीं । जो
सांसारिक विपयो से सम्बन्ध रखती है
'| परन्तु दुभाग्थ बश वे अनमोल रतन अब
ऐसे गुप्त होगये हैं जिनका कहीं पता नहों।
पौराणो' में प्राय: उनके चरित्नो' पर लेख हैं
जिन से उनका केवल रमरण होता है परंत
यह भी संस्कृत कविता के अलंकारो से
आभषित है। जो विद्याधियों के अवश्य
अवलोकन करने योग्य हैं ।
पावंती बड़ी, सशील और शांति चित्त
वालो खी थी जत्र कभीं शिव के साथ बह
सैर करने के लिए बाहर निकलती और |
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