विपूवकोष | vipuvkosh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
50.99 MB
कुल पष्ठ :
766
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)निपटाबा--निंगनी
निपटावा ( हि पुर ) विज्वटावा दे थोर।
निपटेरा ( हि पु० ) निदट्रेरा. दे खो !
लिपठ ( स* पु० ) निपठनसिति नितपठ अप, ( नो गदरद'
पढ़ना । ..पा २1२६४ 2 पाठ, “अध्ययन ।
निपहित (.स'9 त्रिर ), निन्पद-क्त 1- जो. पढ़ा गया छो |
निपठितिनू ( स'* ब्ि०) निःपठितसनेन: इ्टादिलात्
कत्तरि इनि। कतपाठ; जो .पढ़ा गया दो. ।
निपतन ( स'० क्ली+ ) नि-पत-ब्युट । निपात,.. अघ-पतन,
: शिव । *. . की
निपतित [ स ०. लिन ) निः्यत का।. पतित, गिरा हुआ!
निपत्यरोहिगी ( स'० स्त्री? ) निपत्य, रोदिगो रोहितेवर्णं
, स्री मय रव' । . निपत्यरोदितवर्णा स्त्रो) . .
निपत्या-( स.० स्त्रो० ) निपतत्यस्थामिति, नि-पत-क्यप
ततष्टाप.1. ( संशावां चमजनिवदनिपतेति । पा दे श2- )
१ युदस्रूमि । २ पिच्छिलांसूमि, गोलो चिकनो जोन
ऐसी भूमि जिस पर पर फ़िसले ।
निपरन ( स'« क्ली० ) निषिई' परण' प्रीति; नि'ए-प्रौती
मावे क््युट 1. प्रीत्यमाव, प्रीतिका अभाव |
निप्रलाग( स'० ल्लि० ) निपतित' पलाश' यस्य । निप्रतित
पत्र ।
निपाक (स० पुर ) नियम न पचनमिति' निन्फन्नघज_।
पाक । कि
निपात (.स० पुर.) निनपत-भावे घज,.।. १ पतन, पात:
सिराव। ९ सत्यु, चय, नाश । ३ अधप्रतन। ४
विनाय। ४ शाब्दिकों के सतसे वह शब्द जिस के बननेके
_ मियमका पता न .चले..अर्थात् जो व्याकरण. दिए
नियमोंकि भतुसार न बना हो । कक
निपातन ( स'० को ). निपात्यतिधनिवेति -निःपतर्णिच,
.करप़े ब्युट,। .१.मारण, बंध. करनेका. कॉम । २९
गिरानेका, काम । . ३ अधोनघन् । , पर्याय>>पवनयि,
निपातन । ४ व्याकरणके लचण हारा अनुतपत्रपद साधन,
ध्याकरणक नियम प्रतिकूल: व्याकरणक 1 .पदसिंद करने-
.१५
निपातप्रयुक्तपदसिद .करनेंमें किसी किसो वर्ण का
ग्रागम और कहीं वर्ग विज्ञार अध्रवा व साश करना
डोता है।
निपातना ( हि क्रिस १ -मिराना; नोचे , गिरना ।
२ नष्ट करना, काट कर गिरना । . ३ .बघ करना, सार
गिराना, मारना । *
निपातनीय ( स'०-ल्रि० ) नि-पत-थिच अनोयर.। निया”
तनके उपयुक्त, बंध करने योग्य । ' - ”
निफातित (-स'० ज्रि० ) 'नि-ःपत-रणिचन्क । अधोनोत,
जो नौचे किक दिया गया हो।. ' ”
निपातिन् ( स'० पु०) निपात: अंत्योस्ति इनि । १ महा*
डेच। ये सभी को निपात रघातूं नांथ करते हैं, इस कारण
इनका यइ नाम पड़ा है। ( ब्रि० ) ३ गिरामेवाला,
फि कमनेवाला, चलानेवाला'। ३ घातक, मारनेवीलां ।
निपातो (हि'० बि०) विपांतिनू देखी |
निपाद ( स०-पु० ) निन्नष्टो न्यगूती पादोयत्र । निसत-
प्रदेश । दर
नियान ( स० ल्लौ० ) निपौयतेडस्मिच्चिति। निपा-
आधारे लय ट. । १ कुए'के पास दोवार घिर कर बनाया
सुना छुंर्ड थां खोदा डा गड़ा। इसमें पशुफ्ची
आदिके पोनेके लिए पानो इकट्टा रहता हैं। २ गो
दोइन पात्र, दूबं दुद्दमेका बरतन । ३ तोलाव, गड्डा,
खुत्ता |
परकीय निपानेषु न खयाव्च कदाचव |
'. निपानकत्तु स्नात्वा च दुष्क्तांध न लिप्यते ॥”*
अं (मनु हा०१)
“निपिरवन्त्यस्मिश्नतों बेति निपान' लठाशय
गा _. ( मेघातिथि )
यहां पर निपान शब्दका ' घर “जलाशर्थ,मांत्र है।
दूसरेके निपानमे कदापि स्नान. नहीं करना. चादिये;
करनेसे निपानकर्ताका चौधाई पाप निजमें चला भ्राता
है। निपपा भावती। ४ निःिीष पान !
के लिये सूतोत जो सब नियम-डैं, उनका :'भविक्षम. कर | निपानो--वस्वई प्रदेशके वे लगाम जिलेका. एक नगर |
+ पदसादन 1 न ्
चर अचा० ९६ २७,उ० और देवा २. छह २३ पू० वे लू
जो सब पद व्याकरणके लचगा.दास .साधित नहीं | गाम शररसे ४० मोल उत्तरमें श्रवस्थित है ।-.जनस ख्या
; होते वे सब पद -निपातप्रयुक्त सिद हुए हैं ।
| माय १९६३९ है। यह श्र १८३८ . ई०में अर गरेजों ने
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