आर्य हिन्दू और नमस्ते का अनुसन्धान | arya hindu aur namaste anushandhan

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arya hindu aur namaste anushandhan  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पर हे मद्दा झशुद्ध' दी नहीं किंतु घाखा है उत्तर-यह नाम दमारी किसी पुस्तक 'घार्मिक ऐेति- हासिक या चिद्यासस्पधी में की नहीं दे । गौर विरोधियों च विदेशियों की किताब में सैकड़ों स्थानों पर दे । जिस पसूने के लिए थोड़े स्थान दमने लिख दिये । झतपव इस दशा में हम अपपके इस इन्कार को इसके श्रतिस्क्ति कि छाप जानते हुये भी नहीं मानते गौर कया के । केवल इसहियि जिसे दिन्द भाइयों को सत्य बेदॉक्त घर्म ले प्यकू रख के धोखा दें चाप- लूसी करके इंसाई चना लिया करें, और उनको थाय्य नाम से 'छूणा दो जाय । पादरी सादव ने यदद ज्ञान . फैलाकर उनफों मार्ग शुल्ाना चाहा है छोर छुछ नदी । झतपव प्रत्येक चुद्धिमान जान सकता दे कि यदद नाम जब हमारे विरोचियों की पुस्तकों में [ चाहे घदद इंसानी हो वा झफागानी झथवा यूनानी पेरायी था रूमी ] उपस्थित दे । तो उनका दावा मद्दान झासत्य हे डशिखपर हमें कदना पड़ेगा कि पादरी ने घाय्वायाजी! से फाम शिया । झोर सत्य ले मुख मोड़ी । दम उन्कों [ चेलेच्ज ] करते हैं कि वदद या उनका कोई और इलदामी मिन्र या शेपभोजी [ मिर्जा गुलाम छाहमद डादि ] दिन्दू नाम फिसी संस्कृत पुस्तक सें दिखादे। श्र सिद्ध व प्रमाणित करांदें, नहीं तो यदद छुल कपरः




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