आर्य हिन्दू और नमस्ते का अनुसन्धान | arya hindu aur namaste anushandhan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.95 MB
कुल पष्ठ :
40
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पर हे
मद्दा झशुद्ध' दी नहीं किंतु घाखा है
उत्तर-यह नाम दमारी किसी पुस्तक 'घार्मिक ऐेति-
हासिक या चिद्यासस्पधी में की नहीं दे । गौर
विरोधियों च विदेशियों की किताब में सैकड़ों स्थानों
पर दे । जिस पसूने के लिए थोड़े स्थान दमने लिख
दिये । झतपव इस दशा में हम अपपके इस इन्कार को
इसके श्रतिस्क्ति कि छाप जानते हुये भी नहीं मानते
गौर कया के । केवल इसहियि जिसे दिन्द भाइयों
को सत्य बेदॉक्त घर्म ले प्यकू रख के धोखा दें चाप-
लूसी करके इंसाई चना लिया करें, और उनको थाय्य
नाम से 'छूणा दो जाय । पादरी सादव ने यदद ज्ञान
. फैलाकर उनफों मार्ग शुल्ाना चाहा है छोर छुछ नदी ।
झतपव प्रत्येक चुद्धिमान जान सकता दे कि यदद
नाम जब हमारे विरोचियों की पुस्तकों में [ चाहे घदद
इंसानी हो वा झफागानी झथवा यूनानी पेरायी था
रूमी ] उपस्थित दे । तो उनका दावा मद्दान झासत्य हे
डशिखपर हमें कदना पड़ेगा कि पादरी ने घाय्वायाजी!
से फाम शिया । झोर सत्य ले मुख मोड़ी । दम उन्कों
[ चेलेच्ज ] करते हैं कि वदद या उनका कोई और
इलदामी मिन्र या शेपभोजी [ मिर्जा गुलाम छाहमद
डादि ] दिन्दू नाम फिसी संस्कृत पुस्तक सें दिखादे।
श्र सिद्ध व प्रमाणित करांदें, नहीं तो यदद छुल कपरः
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