शताब्दी - संस्करण | Shatabdi Sanskaran
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24.98 MB
कुल पष्ठ :
980
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ु संस्काराबिधिः श्श्य
ना झस्तु ! शें न ओप॑घीवेनिनों भवन्तु शे दो रज॑ससपर्तिरस्तु जिष्णु+
५ ॥ शत्न इन्डों चसुभिदवा अस्तु शमादिस्यमिवरुण+ सुशसः । श ना
रुद्री र्द्रेंमिजलाए। शे नस्त्वप ग्नामिरिद खणोहु ॥ द.॥ शं ना सोम
भवतु ब्रह्म शें न शे नो आवाणः शर्ट सन्त यज्ा । शे नः खरूणां मि-
तयों भवन्तु शे ने सखा शम्बस्तु बेदिं+ ॥ ७ ॥ शं न से उसचना
उदेंतु शें नश्वतस्। मदिशों सबन्तु । शं न पर्षता धवयों मवन्तु शे ना
सिन्घद। शष्ट सन्ताप। ॥ ८ ॥ शे नो अदितिभेषतु वतेमि। शू नो भवन्तु
मख्ता खका। । शे नो विष्णु: शाम पूपा नों अस्तु शं नो अधित्र शम्नस्तु
वायु ॥ € ॥ श नों देव संदिता दायमाणु+ शृं नो भवन्दुपसों विशाती। ।
शे नः पजन्यों भवतु प्जाम्ण। शे नः चत्रस्य पतिरस्तु शम्सु+ ॥ १० ॥
एं नो देवा विश्वदूचा भवन्तु शें सरखती सह धघीमिरस्तु । शममिषाय।
शमु रातिपाच/ शे नों हिव्या। पार्थिवा। शन्नो प्यार ॥ ११ ॥ शें नः
सत्यस्य पतं॑यो भवन्तु शे नोंअ्पन्तः शर्ट सन्तु गाव! । शे ने शटभरव।
कृत? सुदस्ता। एं ना भवन्ठु पितरों दवेंपु ॥ १९ ॥ शं नों झज एकपा:
इेचो भंस्तु शे नोज्दिंवुष्न्य१। शे संुद्ः । शे नो झपां नपात्पेरर॑सतु शे नः
एश्िंभेवतु टेवगोपा। ॥ १३ ॥ ० भ० ७ । सू० देश । मे रै-र३े ॥
इस्ट्रो विदवंस्थ राजति । थां नो अस्तु दिपटे शें चहुष्पदे ॥ १४ ॥
शन्नो बात पवताण शुेन॑स्तपतु लय्यें: । शें न। करनिक्रदेचर पंजेन्यों झभि
चंपततु ॥ १५ ॥ हानि शं मवन्तु नः शा राजी प्र्तिधीयतामु । शं न
इन्डाग्नी मंवतासचोंधिः शं ते इन्दा चररुगा रातरंब्या । शं ने इन्दापूषणा
चार्जसातो शमिन्द्रासोमां सुदिदाय शं यो ॥ रद ॥ शॉं नो देवीरमि्य
झापों भवन्हु पीतयें । शंय्योरामि संवन्तु ल१ ॥ १७ ॥ योर शान्तिरन्त
रिंत्ष शान्ति। एथिवी शान्तिरापः शान्तिरोपंघय शान्तिग । वनस्पर्तय।
शान्तिर्विखें टेचा। शर्त शास्तिः सर्छशान्तिः शान्तिरिव शान्ति! सा
मा शान्तिरिधि ॥ १८ ॥ तथचुर्टेवादिंद पुरस्ताच्छुकमुचरत् । परपेम परदं४
22 दाते जीविंम घरद छत 9 सखुंयाम शरदंम झते म्रज्ंचाम छरदं। दातमर्दीनाः
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