यूनानी चिकित्सा सागर | Younani Chikitsa Sagar
श्रेणी : स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23.53 MB
कुल पष्ठ :
547
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हे अतरीफ़रू दीदान कुमिहर अबलेह वायविड़ंग १० तोलें निशोथ कालादाना कुठकड़वी प्रत्येक ४ तोलें कमीला तुरमस अफसनतीन मुस्तयारा दरमनातुरकी आकादाबेल कालालवण राई शहमहिजल तुम्बे के भीतर का गूदा नागरसोधा रासन रासन न सिलने पर सोंठ का प्रयोग करें प्रत्येक ३-३ तोले शहद सब मिश्रित औषघ से तीन गुणा डालकर यथाविधि _अतरीफल_ बनानें । मात्रा--९ माशे वा १ तोला प्रातः को अकें गाऊज़बान से प्रयोग करावें और तीन दिन के पदचातू एरण्डतैल तीन तोलें अकंगाऊज़बान १९ तोले में वा दूध में मिलाकर पिलावें वा भौर कोई मृदु विरेचन दे । गुण--यह अवलेहू उदर के कीड़ों केंचवे-कदुदाने को नष्ट करने में अपूर्व भामादय तथा ान्त्र के कफूज दोष को नष्ट करती हैं । अतरीफ़ल जमानी _ निकयोथ धनियां प्रत्येक १० तोलें हरीतकी हरीतकी बड़ी कृष्ण हरीतकी सकमूनीया बनफशापुष्प प्रत्येक ५ तोढे वहेंडा भमला वदालोचन गुलावपुष्प नीलोफ्रपुष्प प्रत्येक २॥ तोलें सन्दल सफेद गोंद कती रा प्रत्येक १॥ तोला मधुर बादाम तैल १० तोछे उन्नाव सपस्तान लसूडे प्रत्येक २०० नग प्रथस गोंद कतीरे तक सब औषध का बारीक चूर्ण करें और बादामरोगन से स्नेहाक्त करे बनफुशा उन्नाव तथा सपस्तान का दो सेर जल में क्वाथ करें । आधा भाग रहने पर छान ले और उपरिलिखित औपध के चूर्ण से १॥ युणा हरड के मुरब्वे का थीरा और समभाग शहद डालकर पाक करे । पाकसिद्धि पर रेघ औपध के बारीक चूर्ण को अच्छी तरह से मिश्रित करे । ताकि सब एक रूप होकर भवलेहू बन जाये । माता ७ साले रात्री को सोते समय अर्क॑ गाऊज़बान १२
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