ऋग्वेद भाष्य | Rigved Bhasaye
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.11 MB
कुल पष्ठ :
983
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मर६:
होते । संहिताओं के पद पाठ बहुत उपयोगी हैं । पदपाठ का निर्धारण चर एक का
है । उदाहरण के लिए 'मेहना' पद को लिया जा सकता डप ऋग्वेद ५ पट की ड् कि
सामबेद ४, २1 १1 ४ यह पद पाया जाता है । यास्क ने दानाेंक “मंह' वाद की
इसे एक पद मानकर इसका अर्थ 'मंहनीय” किया है ! परन्तु यास्क नेही द्त ही
पदों का संयोग एक पद माना है । वे है मेन-इहन-न जिनवा अर्थ है कि जो में
पास इस लोक में नहीं है। इसी प्रकार ऋग्वेद १० । € 1 १ में व्वायो' पद गा
है । यास्क ने इसकी व्याह्या करते हुए पदकार शाकल्य की आलोचना की है। कक
के कथन है कि शाकल्य मे जो वाव-य: 'पदच्छेद किया है बहू ठीक नहीं । वः
यदि ऐसा होता तो “न्यघाधि” क्रिया को पाणिनि के सुय ८1 १1६६ के कि
उदात्त हो जाता 1 परन्तु ऐसा न होकर यह हे अनुदा्त 1 दूसरा दो यह आता है ब
मन्त्र का अर्थ पुरा नहीं होता है । अत: *वाय:' एक पद माना जाना चाहिए । ऐसी
स्थिति में बायः का अर्थ वे: ये पुमा अर्थात् पक्षीशियु होगा । इस मार पद पाठ के
विपय में दडे सूक्ष्म विचार है।
वेदों के चार उपबेद है । वेद, अयंदेद, धनुवेंद और गन्धवंवेद । यहा
पर बेद पद का प्रयोग विद्या हू कद इसके लि हैं वेदाज़ । वेद के छ'
अज्ञ हैं । वे हैं-शिकषा, कल्प, ” छन्द:, निरक्त और ज्योतिष । बेदार्थ के
लिए इनका परिज्ञान आवश्यक है । वेदाज्ञी के बाद उपाज़ो का नम्बर आता है *
वतमान में सांध्य, योग, बंशेपिक, न्याय, मीमासा और वेदान्त नाम से छः
उपाड़ पाये जाते हैं । थे ही छः दर्शन हैं। ये दाशंमिक विचारों के आकर ग्रन्थ हैं कक
वेदों की फिलासोफी इनमें पाई जाती है । उपाज़ नाम इनका इसलिए है क्योकि ये
अज्जो से निकते हैं। यहा पर प्रश्न उठता है कि थे क्सि अज् के उपाज़ है। व्याकरण
छन्द, ज्योतिप, निष्क्त और शिक्षा से साक्षात् सम्बन्ध तो इनका पाया नही जाता
है । रहा केवल “कल्प” जिसके थे उपाज़ हो सकते है । कल्प
प्रेयोग, क्तेव्य, आदि से सम्बन्ध रखते हैं। ये शहा, श्रीत गौर धर्म भेदों वाले हैं ।
शर्म कर्मों का विधान करने वाले शहयमुव है । श्रौतकर्मों यंज्षयागादि के विधायक श्रौत
सन है। वर्ाधिम घर्म और विविध क्तेव्यो वि
वा विधान करने वाले च्मंसूत हैं ।
बलेंब्य था विधान बिना सत्तायिज्ञान के
शाखाएँ बेदो के ऐसे व्यास्यान हू
लिए मन्त्रो के फेरफार से बनाये है
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