श्रीमती सरोजिनी नायडू | Shrimati Sarojini Naidu

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : श्रीमती सरोजिनी नायडू - Shrimati Sarojini Naidu

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्रीयुत मातासेवक पाठक - Shriyut Matasevak Pathak

Add Infomation AboutShriyut Matasevak Pathak

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२ _ सरोजिनी नायडू वह लिखी गयी है । सरोजिनी ने भारत की भूमि पर जन्म. अहण किया है और यद्यपि वे झघने भाव झंग्रेज़ी भाषा में प्रकट करती हैं तो भी वे भी शुद्ध भारतीय होते हैं और पश्चिम से कोई सम्बन्ध नहीं रखते ।” श्रीमती सरोजिनी देवी जिस प्रकार सहसा पश्चिमी रुचि, भाव डर ढंग को छोड़कर स्वदेशी भावों से पूर्ण कविता करने लगीं यह उन्हीं जैसे प्रतिभाशाली के योग्य है । विदेशी भाषा को कचबितां में खदेशी भाव ही व्यक्त करना, खासकर सरोजिनी जेसे पश्चिमोय भावों में ढले हुए कवि के लिये, वास्तव में झाश्च्यजनक बात है। इसीसे कहना पड़ता है कि श्रीमती सरोजिनी नायडू जन्म से ही कवि हैं । - सरोजिनी की कविता की अन्य विशेषताएं । . श्रीमती सरोजिनी नायडू को भगवान ने जेसा सौंदय प्रदान किया हे बेसी दी सौंदय-पूण उनकी कबिता भी होती है । यदि उन्हें सौंदर्य को मूर्ति श्ौरूं साथ ही सौंदय॑ की उपासक कहा जाय तो कोई श्रत्युक्ति नहीं । प्राकृतिक सौंदर्य के वर्णन के साथ ही उनकी कविताएं विविध भावों से परि- पूर्ण हैं । कुछ कविताओं में वलन्त ऋतु का सुद्दावना दृश्य झड्धित किया गया है तो श्न्यो में झाध्यात्मिक भावों का श्राधान्य है । कुछ कविताओं में प्रेम का विशद वर्णन है तो झन्यों में झातीत भारत के गोरव की गाथा है । कहने का मत- लेब यह कि जिस भाव को लेकर सरो जिनी देवी ने जो कविता लिखी है. उसमें उन्हों ने कमाल कर डाला है। जैसा कहा जा चुका हे वे कविता झंप्रेज़ी भाषा में करती हैं इस . लिये उनकी कवित्व का श्रानन्द हिन्दी-भाषी नहीं लाभ कर ही हा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now