बाबू बालमुकुन्द गुप्त जीवन और साहित्य | Babu Balmukund Gupt Jeewan Aur Sahitya

Babu Balmukund Gupt Jeewan Aur Sahitya by डॉ. नत्थन सिंह - Dr. Natthan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दिषय त पुष्ठ संख्या ६२, बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री तथा जगन्नाथ दास हे रत्ताकर--६२, पं० दृगप्रिसाद मिश्र--६२, पं० केशव प्रसाद सिश्र--६३, अ्रमृतलाल चक्रवता--६रे, थ पं० क्षेत्रपाल दार्मा--६४; कलक्ते के श्रन्य भित्र-- क ६४, सुन्धी दयानारायण निगम--६५; गुप्त जी की ही ल्‍ साहित्यिक यात्राये--६५, ग्ुड़ियानी से कलकत्ता ष की यात्रा--६५, ब्रज यात्रा--६६, बम्बई यात्रा--- णु का )ः श ६७, गुप्त जी के व्यक्तित्व का श्रध्ययन--६९ : हक प्र्ध ले गुप्त जी, की रुग्तावस्था श्र - स्वगंवास--७७ : ही री उपसंहार--७९: दा ः श् कक न अध्याय २--बाब बालमुकुन्द गुप्त उद्ू लेखक के रूप में-- ८१-११६ भ कोहेवूर श्रौर . श्रवधपंच में उनका कार्य--८२ : न लखनऊ के गुलदस्ते श्रौर गुप्त जी-- : उर्दू-ए-मोश्नल्ला कं में गुप्त 'जी--प३ : नया. जमाना में गुप्त जी का. हि कार्य--प३ : उद भाषा ्ौर लिपि पर गुप्त जी के एप ्, मै री बिचार--प८ ;:. उूं साहित्यकारों पर गुप्त जी की. सम्मति-€४, सर. सयद अहमद खाॉँ--€६, पं० दे रत्तनाथ सरशार--६६, मौलवी _जकाउल्ला--६४, डा. _मुन्छी सज्जाद हुसैन--&६, मुहम्मद हुसैन श्राजाद-- दी १००, कसमण्डवी--१०९२, मिर्जा सितम जरीफ-- गि १०३; उद-पत्रों के इतिहास पर गुप्त जी की धारणाएं-१०४: उदूँ गद्य-साहित्य में गुप्त जी क का स्थान न नर, कर “गा प्रध्याय रे--गुप्त जी का प्रारस्मिक गाज ........... . ११७-१६७ 1 प्रारम्भिक गद्य-कुछ पत्-११७: हित्दोस्थान तथा... न हिन्दी बंगवासी में उनका कार्य--१२०: हिन्दी. मा ही पत्रिकाओं में प्रकाशित गुप्त जी की रचनाएँ-- १२८, ........... साहित्य सुधानिधि-१२८८: . भारतमित्र और रा ............. बालमुकु्द गुप्त--१२४ ८ बंगाल-विभाजन-- १३४: न.




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