होमिओ पैथिक चिकित्सा तत्त्व | Homeopaithik Chikitsa Tatva

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Homeopaithik Chikitsa Tatva by पं. झल्लास्वामी - Pt. Jhalla Swami

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(०) ऊपर को फोड़ा, गठे का घाव, छाठें, रीहकाददे, खून का घटना, स्वास, दुर्बलता, गज, शरीर की शिथिलता » मुँह का फवदना, फोड़े की सरे; आंख का जाछा या धुंध? औरतों के भगका घाव सना, विशुचिका हैज़ा, औरतों , का पौडु रोग, सौपका काठना; ज्वरके पोछे वाछ उड़- जाने, गलेकी जन ; दारूकी तंठव ; वहुमूत्र ; कष्टसे स्वास- आना, हाथ पैरॉंकी जर्न, मिरगी ; शरीर में छाल चक.- से , महीन ज्वर; पुनरागस्य उवर, दिन रोत में दोवार आने वाला ज्वर, थोड़ा ९२ रहकर के बहुत आने वाठा ज्वर , सन्यपात ज्वर , अतीसार व्वर , दुष्टइवा से ज्वर , दुर्मिक ज्वर, विषम ज्वर , पान्डु ज्वर, सात दिन का ब्वर , पश्षका उ्यर, वापषिके ज्वर; चहरे का दर्द, नाफ के ऊपर जलन बादी बवासीर , छाती की सूजन , तिछी ; पान्डु , बावलापन यकृत, पथरी, शोक से सार्छित रहना , पसछी का शूछू , वादी से युेँ में पानी आना; के होना; खाज,; इन सर्व रोगों को नष्ट करता है ' आसेनिक्‌ गुण नादक केम्फर ; कफिजा » ऐकोनाइट , नकस , आनिका; सिरका




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