बाला निराला | Bala Nirala

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Book Image : बाला निराला  - Bala Nirala

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 १७ शी वे थे शश-लाग्छन कि्ीकी ... जान सुकेश .. जैसे ्धिक कुश्चित. झानबान पिशेषता के गले नीच की री जो गुलाब... जैसा. खिला रक्तियास शान कलेजा डोला कली की जो. पीली रेखछु सगर हवा. सुबह की मैरवी की. तान चेला हई हुईं । नली हुई । उड़ी हुई ।




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