भजन - संग्रह भाग ४ | Bhajan Sangarah Part-iv
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.66 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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भजन पृष्ठ-संख्या
मद्साते मगरूर वे न १०७
महर्ठ फ़वारा होजके *** १०९
माणिक हीरा लाल * ११५१
यह दुनियाँ “बाज़िंद' *** ११
या तन-रं ग-पतंरा “* १११
रहते भीने छेठ सदा *** १०८
राज-कचेरी माई जे १०५९
राम कहत कलि माइिं १ ११३४
राम-नामकी लट फबे ** ११२
सुंदर नारी संग *** १०४
सुन्दर पाई देह नेह कर न १०४
दरि-जन बैठा होय *** १ वे७
होती जाके सीसपे *** ११०
हों जाना कछु मीठ ११४
वुल्लेशाद
अब तो जाग मुसाफिर *' वर
कद मिछसी मैं बिरहों *०* ११५४
डुक बूझ कवन «न ११४
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