भजन - संग्रह भाग ४ | Bhajan Sangarah Part-iv

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Book Image : भजन - संग्रह भाग ४  - Bhajan Sangarah Part-iv

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(15 ) भजन पृष्ठ-संख्या मद्साते मगरूर वे न १०७ महर्ठ फ़वारा होजके *** १०९ माणिक हीरा लाल * ११५१ यह दुनियाँ “बाज़िंद' *** ११ या तन-रं ग-पतंरा “* १११ रहते भीने छेठ सदा *** १०८ राज-कचेरी माई जे १०५९ राम कहत कलि माइिं १ ११३४ राम-नामकी लट फबे ** ११२ सुंदर नारी संग *** १०४ सुन्दर पाई देह नेह कर न १०४ दरि-जन बैठा होय *** १ वे७ होती जाके सीसपे *** ११० हों जाना कछु मीठ ११४ वुल्लेशाद अब तो जाग मुसाफिर *' वर कद मिछसी मैं बिरहों *०* ११५४ डुक बूझ कवन «न ११४




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