चक्र दत्त: | Chakra Datta

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Chakra Datta by पंडित जगन्नाथ शर्मा वाजपेयी - Pandit Jagannath Sharma Vajpeyee

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पंडित जगन्नाथ शर्मा वाजपेयी - Pandit Jagannath Sharma Vajpeyee

Add Infomation AboutPandit Jagannath Sharma Vajpeyee

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(४) *च्टिगा *प्छरा “प्टना प्र पटल भला पटल चना न्न्प्ल्जाी ' भर” पटक सपा कथा प्लाजा चटपटा पट पट पहला चला पा कि _विषयाः जरथ । दा वातजहुद्रोगाचि किस्सा पिप्पल्यादि चूणस - सागरकाथ: - पित्त चिकिंट्सा नये उपाया: शीरप्रयोग: ककुभचूणस्‌ कफजह्द्रोगाचि किस्सा! चिदोपज ट्डद्रोंग चि कित्सा पुण्करमूलचणम गोघूमपाधेप्रयोग: यो घूमा दिछाप्सिका नांगबलादिचूणसू हिंग्वादिचूणस्‌ ददमूलव्ाथ: पाठादिचूर्णसू भस्म । क्रिमिडद्रोगाचिकित्सा छूतसू छुतम्‌ चलाजुनघुत्तद्वयम्‌ थे कार: 1 चातजमूजकूच्ट्ूद वि केत्सा अम्त्तादिक्वाथ: पिप्तजकूच्छाचि शित्सा चणप्चमूछमू, चातावयों दिक्ाध: दरीतक्यादिक्वाथ: रुडामलकयोग: एवांसवीजादिचुणमू कफजाचि किर्सा चुद्दत्यादिक्वाथ: उत्पातिभिदेन विकिर्सामेद: , एलादिक्तीरस रक्तजमूचकुच्छाचिकिर्सा _ र्न८ डे रस ते श्द श्द्शु उच्रे उड़ रत डे श्द्र्‌ र्घ्दे . | चिपया: पु्ांकाः श्द्द एलादिचूणम छीहयोंग: यन्नक्ार्योंग: धतावय्यादिषते क्षांर वा जिकण्टकादिसर्पि: सुक्मारछुमारकं घूतम 5 डे अजथ सूचाघाताधिकार: सामान्यक्रम: वचिविधा योगा डी नलांदेक्वाथ: पाषाणयेंदकाथ: उपायान्तरस्‌ डर आतिवन्यनाजमूनाघाता चाक्धि० १६५४ चित्रकायं छतस, अर्थाइसयेधिकार$ 1 वरुणादिक्वाथ: - वारतरादिक्वाथ: उझुण्ठयादिक्वाध: पापाणभेदाययं घतम ऊउपकादिगण: कुशायं घूतमू रूफजाइसरी प्विकित्सा विविधा योगा: नागसयादेक्वाथ: वरुणादिक्वाध: श्वर्द रादि कर्क : अन्यें योगा: एलांदिक्वाथ: जिकण्टकचचर्णस पाषपाणभ दाद चणस छुतमू शर्त श्र ट्रक शहर २६५ श्र श्द्घ श्र श्र तर 3 श्र्ज - और ड््श्र उन श्द््ट “ वरुणायय छुततसू मू करत गम श्र पाया: विपया: बरुणाद्यं श्द्ट यास्त्रचिकित्सा ः भा अथ भमेदाधिकार: 1. १६५ ड़ मर उठ शर्त पथ्यम्‌ अपमेहापह्ा अड्टी क्‍्वाधा। रुक्रमेहृदर: काथः: फेनमेह्दर: क्वाथ कपायचतुछ्यी पण्मेहनाशका: पट क्‍्चाथा: कपायचतुप्यी चातजसंइचिकित्सा कफांपे्तमद्दाचिकित्सा नरिदोपजमेह्दाचिकित्सा चिविधा: चवाथा: 'चूणकलका: 'चूणमू चिकण्टकाया: स्नेह: कफापित्तसेहयो: सर्पिपी घान्वन्तर घृतम च्यूपणादियुग्गुछ: डिलाजलुप्रयाग: विडंगादिलीहम, माकिकादियोग: मेहनादाकाविह्ारा : वि कर्सा बज्यान उथ स्थाल्थाधघच्दारः स्थोल्ये पथ्यानि १७३, श्र ड़ 35 रद 2 श्5 कमर श्छ्श मै उठ श्७ने थे उज श्ञ्द 2 डर असतवादिशुग्युल्: नवकयुग्युछ: लोदरसायनम जिफलायें चैलस प्रघपप्रदेहा भड़राग: उतर उन शक 35 3 2




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now